Mushroom Ki Kheti Kaise Karen

Mushroom ki kheti kaise kiya jata hai

दोस्तों अगर आप जानना चाहते हैं मशरूम का बीज कैसे बनाएं या मशरूम कैसे उगाया जाता है और सर्च कर रहें हैं Mushroom Ki Kheti Kaise Karen तो यह आर्टिकल आपके लिए है।

आज इस आर्टिकल में मैं आपको मुशरूप की खेती करने की विधि के बारे में बताऊंगा जिससे आप जान सकेंगे की Mushroom Ki Kheti Kaise Kiya Jata Hai और इसका सही तरीका क्या है, तो चलिए दोस्तों अब बिना देरी किए सीधे प्वाइंट पे आते हैं और जानते हैं Mushroom Ki Kheti Kaise Karte Hai के बारे में।

Mushroom Ki Kheti Kaise Karen

दोस्तों अगर आप एक किसान है या खेती करने की सोच रहे हैं तो मशरूम की खेती आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है, वैसे तो मशरूम की खेती करने के लिए बहुत ध्यान देना पड़ता है लेकिन अगर आप इसमें अच्छे से मेहनत करते हैं तो इससे अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं। तो दोस्तों हम इस आर्टिकल में जानेंगे Mushroom Ki Kheti Kaise Karen के बारे में। 

इसकी खेती भारत के कई राज्यों में होता है यहां तक कि जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे ठंडे राज्यों में भी इसका खेती होता है। मशरूम के एक बीज की कीमत 75 रुपए किलो तक होती है और इसके कई सारे किस्म होते हैं जिनकी अलग अलग कीमत होती है, तो दोस्तों अगर आप इसकी खेती करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको डिसाइड करना होगा की आप कौनसे प्रकार की मशरूम की खेती करेंगे क्योंकि ब्रांड के हिसाब से सबकी अलग अलग मांग होती है और कीमत भी अलग होती है। एशिया और अफ्रीका में इसकी बहुत डिमांड है।

मशरूम की किश्मे

वैसे तो मशरूम के कई किस्म होते है लेकिन भारत में इसके तीन चार प्रकार के किस्म ही मशहूर है जिनको खाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

(1) दूधिया मशरूम – दूधिया किस्म की मशरूम को मैदानी इलाकों में उगाया जाता है, इसके लिए हवा में 80 प्रतिसत नामी होनी चाहिए, इस फसल को तैयार करने के लिए 25-30 डिग्री तापमान को उपयुक्त माना जाता है और इसकी फलन के समय 30-35 डिग्री तापमान होना चाहिए।

(2) ढींगरी मशरूम – इस किस्म की मशरूम को सर्दियों के मौसम में उगाया जाता हैं। सर्दियों को मौसम में इसे भारत के किसी भी क्षेत्र में उगाया जा सकता है लेकिन समुद्री तटीय क्षेत्रों में ज्यादा उपयुक्त हो सकता है क्योंकि वहां पर हवा में 80 प्रतिसत तक नामी होती है को इसके लिए बहुत उचित होता है। इस फसल को तैयार होने में 40 से 60 दिन को समय लगता है। 

(3) शिटाके मशरूम – इसको उगाने के लिए शुरुआत में 22-28 डिग्री तापमान की जरुरत पड़ती है, विकाश के दौरान इन्हें 15-20 डिग्री तापमान की जरुरत होती है। जापान में इस किस्म की मशरूम की खेती बहुत की जाती है।

(4) श्वेत बटन मशरूम – इस किस्म की मशरूम को भारत में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। इसको उगाने के लिए शुरुआत में 20-22 डिग्री तापमान की जरुरत पड़ती है और फलन के समय 14-20 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है। इसको सर्दियों के मौसम में उगाया जाता है इसके लिए हवा में 80 से 85 प्रतिसत तक नामी होनी चाहिए। 

मशरूम की खेती के लिए आवश्यक तत्व

  • मशरूम के बीज
  • एक बंद कमरा
  • गेंहू या धान का भूसा
  • इसको बचाने के लिए कीटनाशक
  • खाद, नाइट्रोजन तत्व
  • नमी बनाएं रखने के लिए स्प्रेयर या कूलर

मशरूम की खेती करने की प्रोसेस 

मशरूम की खेती को 70-80 प्रतिशत तक नमी और 15-20 डिग्री तापमान में एक बंद कमरे में किया जाता है।

1. धान और गेंहू के भूसा से कंपोस्ट खाद बना लें

मशरूम की खेती करने के लिए कंपोस्ट खाद की जरुरत पड़ती है इसके लिए धान और गेंहू के भूसा का इस्तेमाल किया जाता है। सबसे पहले भूसे को कीटाणु रहित बना लें और अशुद्धियों को दूर कर लें जिससे बाद में मशरूम की वृद्धि में कोई प्रॉब्लम न आए। 1500 लीटर के पानी में 150 ग्राम बेबिस्टीन एवं 1.5 kg फरमालीन को मिलाना होता है। फिर इस पानी में 1.5 कुंटल भूसे को मिलाना होता है। भूसा डालने के बाद इसे कुछ समय के लिए ढंक दें जिससे यह मशरूम के उगाने के लिए तैयार हो जाए।

2. मशरूम की बुआई

भूसे को पानी से बाहर निकालकर कही फैला लें जिससे पूरा पानी निकल जाए, भूसे को हवा के संपर्क में रखें जिससे 50 प्रतिसत तक नमी कम हो जाए, फिर इसे अच्छे से बार बार पलट ले जिससे यह बुआई के लिए तैयार हो जाए। 16 बाई 18 का पॉलिथीन ले लें और उसमे एक परत भूसा और फिर उसके ऊपर बीज की बुआई करें इस तरह 3-4 ‍परत बना लें। इस थैले के नीचे दोनो तरफ छेद कर दे जिससे बचा खुचा पानी बाहर निकल जाए, और इस पॉलिथीन के बैग को अच्छे से कसकर बांध दे जिससे हवा जाने की गुंजाइश न रहे। ध्यान रहे इसमें भूसे और बीज के पूरे परत बराबर होने चाहिए। बुआई को प्रक्रिया पूरा हो जाने के बाद इस पॉलिथीन बैग में छोटा छोटा छिद्र कर दें जिससे मशरूम के पौधे बाहर निकल सके।

(3). हवा एवं पखें के सहायता से रखरखाव

लगभग 15 दिन तक इस फसल को हवा से बचाना होता है जिसके लिए उस कमरे को अच्छे तरह से बंद कर दे जिससे हवा पास न हो सके। 15 दिन बाद उस रूम को खुला छोड़ दे और इसमें  हवा पड़ने दे या पंखे का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यहां तक मशरूम की फसल धीरे धीरे सफेद रंग की दिखाई देने लगती है। 

(4). नमी और तापमान पर नियंत्रण

मशरूम की फसल को उगाने के लिए नमी एवं तापमान दोनो का ही बहुत ध्यान देना पड़ता है। नमी बनाए रखने के लिए दीवारों पर पानी का छिड़काव कर सकते हैं याद रहे कमरे में 70-80 प्रतिसत तक नमी बने रहना चाहिए साथ ही तापमान का भी ध्यान रखें मशरूम के फसल को तैयार करने के लिए 15-20 डिग्री तापमान होना चाहिए।

(5). मशरूम के थैले की रखरखाव

कमरे में मशरूम के थैले को तरीके से रखें इसको किसी लकड़ी के सहारे लटका दें या किसी धातु से पलंग जैसा जंजाल बना लें जिसमे इस थैले को रखते बन जाए, इस थैले को रस्सी से बांधकर भी लटका सकते हैं।

(6). कटाई करने का सही समय

मशरूम की फसल 35-40 दिनों में तैयार हो जाता है, तैयार होने के बाद यह सफेद रंग का दिखाई देने लगता है इसे आप अपने हाथ से ही तोड़ सकते हैं।

मशरूम की खेती में सावधानियां

इसको 15 दिन तक हवा से बचाना होता है उसके बाद इसमें हवा दिखाना पड़ता है। कमरे का तापमान 15-20 डिग्री हो और हवा में 70-80 प्रतिसत नमी बने रहना चाहिए।

मशरूम की खेती से लाभ

मार्केट में मशरूम की बहुत डिमांड रहती है और इसके अधिक दाम होने के वजह से कम पैदावार में ही ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है अगर आप इस फसल को 100 sqm तक में भी उगाते हैं तो आप इससे लाखों रुपए कमा सकते है और सबसे खास बात की इसको उगाने में ज्यादा समय भी नही लगता। जिसके वजह से कम समय में एक अच्छी पोजीशन प्राप्त कर सकते है। 

निष्कर्ष

दोस्तों हमने इस आर्टिकल में Mushroom Ki Kheti Kaise Karen के बारे में जाना। इस तरीके से आप भी अपने घर में ही रहकर मशरूम की खेती कर सकते हैं। दोस्तों अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे अन्य लोगों तक भी जरूर शेयर करें ताकी वे भी Mushroom Ki Kheti Kaise Karte Hai के बारे में जान सकें।

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