Chandan Ki Kheti Kaise Karen

इस आर्टिकल में आप जानेंगे Chandan Ki Kheti Kaise Karen के बारे में।

दोस्तों चंदन की खेती एक अच्छी कमाई का जरिया माना जाता है, इसकी लकड़ी को हिंदू धर्म में पूजा पाठ के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। यह एक सोने के समान ही महंगा होता है। चंदन का पेड़ 20 मीटर तक लंबा होता है और इसे तैयार होने में 10-12 साल का समय लग जाता है। चंदन का पेड़ जितना ज्यादा पुराना होता है उतना ही ज्यादा उसमे तेल की मात्रा पाई जाती है। चंदन के सभी भागों को इस्तेमाल में लिया जाता है लेकिन इसका ज्यादातर इस्तेमाल औषधि, इत्र और सौंदर्य के चीजे बनाने के लिए किया जाता है। पूरी दुनिया में चंदन के पेड़ की बहुत डिमांड है, भारत के इसकी हर वर्ष लगभग 100 टन पैदावार होता है लेकिन खपत 1000 टन तक हो जाती है जिसकी वजह से इसका मूल्य भी बहुत ज्यादा है। भारत के कई राज्यों में इसकी खेती करने पर प्रतिबंध लगा है और इसकी खेती करने के लिए कानूनी मान्यता लेनी पड़ती है। तो दोस्तों आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे Chandan Ki Kheti Kaise Karen के बारे में और इसके उन्नत किस्म के बारे में भी जानेंगे। 

Chandan Ki Kheti Kaise Karen

Sandalwood Plantation in hindi

चंदन की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी, जलवायु और तापमान ( Soil, Climate and Temperature for Sandalwood Cultivation )

चंदन की खेती के लिए बलुई चिकनी या दोमट मिट्टी सही रहता है, चंदन के पेड़ को जलोढ़ या नम मिट्टी में उगाने से इसमें तेल की मात्रा कम हो जाती है। भूमि का P.H मान 7 से 8.5 के बीच होना चाहिए। चंदन का पौधा शुष्क जलवायु वाला होता है इसलिए इसे सर्द मौसम वाली जगह में नही उगाना चाहिए क्योंकि सर्दियों में पाला गिरने से इसके पेड़ की ग्रोथ में कमी होने लगती है। चंदन के पेड़ के लिए 500 से 625 मिमी बारिश वाला इलाका सही रहता है। यह अधिक से अधिक तापमान झेल सकता है, चंदन के पेड़ के लिए कम से कम 15 डिग्री और अधिकतर 35 डिग्री तापमान वाले इलाके सही रहते हैं। 

चंदन के पेड़ की उन्नत किस्में ( Varieties of Sandalwood Tree )

लाल चंदन ( Red Sandalwood )

लाला चंदन को रक्त चंदन के नाम से भी जाना जाता है, चंदन की यह किस्म तमिल नाडु तथा आंध्रप्रदेश के जंगलों में पाया जाता है। यह सफेद चंदन की भांति खुशबूदार नहीं होता लेकिन इसका इस्तेमाल इत्र, हवन सामग्री, दवाई तथा महंगी चीजों की सजावट के लिए किया जाता है। इसका पूर्ण विकसित पौधा सफेद चंदन से थोड़ा छोटा होता है।

सफेद चंदन ( White Sandalwood )

यह एक सफेद कलर का चंदन होता है इसे अधिकतर व्यापारिक इस्तेमाल के उगाया जाता है। सफेद चंदन की खुशबू लाल चंदन से ज्यादा होती है जिसकी वजह से इसकी कीमत भी लाल चंदन से अधिक होती है इसे औषधि, साबुन तथा इत्र बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसका पूर्ण विकसित पौधा 15-20 मीटर तक लंबा होता है।

चंदन की खेत की तैयारी और इसके लिए उर्वरक (Sandalwood Field Preparation and Fertilizers In Hindi )

चंदन की खेती करने के लिए सबसे पहले उसके खेत को अच्छे तरह से तैयार किया जाता है। सबसे पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई की जाती है जिससे उसमे पड़े किसी दूसरे फसल के अवशेष बाहर निकल जाए, जुताई करने के बाद उसे कुछ दिन के लिए खाली छोड़ दिया जाता है। इसके बाद पानी डालकर अच्छे से पालेव किया जाता है और फिर उसमे अच्छे से जुताई किया जाता है। जुताई करने का बाद बारी आती गढ्ढे बनाने की, इसके लिए 8-8 फीट की दूरी पर 2 फीट गहरा और 3-4 फीट चौड़ा गड्ढा बनाया जाता है। फिर उन गड्ढों में गोबर की खाद से तैयार हुआ मिट्टी डाला जाता है, रसायनिक खाद भी डाला जा सकता है। वैसे चंदन के पेड़ के लिए अतिरिक खाद की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि ये अपने आसपास के पौधों से ही पोषक तत्व प्राप्त कर लेते हैं। इसलिए इसके आसपास नागफनी, सिरिश और नीम जैसे पेड़ो को जरूर लगाएं। साल में कम से कम दो बार गोबर के खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं।

चंदन की खेती के लिए रोपाई का सही समय (Transplanting For Sandalwood Cultivation In Hindi )

चंदन की रोपाई के लिए बीज और पौध दोनो तरह से किया जा सकता है लेकिन पौध से रोपाई सही रहता है। क्योंकि बीज को तैयार करने में ही दो से तीन महीने लग जाते हैं वही इसके पौध को आप किसी रजिस्टर्ड नर्सरी से खरीद सकते हैं हां पर एक चीज का ध्यान रखें कि इसके पौध पूरी तरह से स्वास्थ्य होने चाहिए। चंदन की पौधों की रोपाई के लिए बारिश का मौसम उचित रहता है या फिर इसे बारिश आने से कुछ दिन पहले भी इसकी रोपाई कर सकते हैं, बारिश में इसका विकास जल्दी होता है। 

चंदन के पौधों की सिंचाई (Irrigation of Sandalwood Plants )

चंदन के पौधों के लिए अधिक सिंचाई की जरूरत पड़ती है, इसलिए इसकी रोपाई बारिश के मौसम में ही करें। गर्मियों के दिन में नमी बनाए रखने के लिए हर दो तीन दिन में सिंचाई की आवश्यकता होती है। सर्दियों में भी जरूरत पड़ने पर सप्ताह में एक बार सिंचाई जरूर करें।

सहायक फसलें

चंदन की खेती के साथ साथ इसी खेत में दलहन या बागवानी करके भी किसान अतिरीक कमाई कर सकते हैं जिससे पैसों के लिए केवल चंदन की खेती पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा क्योंकि इसको पौधों को तैयार होने बहुत समय लग जाता है। 

चंदन के पौधों के लिए खरपतवार पर नियंत्रण (Weed Control for Sandalwood Plants )

चंदन के पेड़ को खरपतवार से बचाना चाहिए, ध्यान रखें कि इसके आस पास किसी तरह का कोई जंगली पौधा न उग पाए उसे जल्द से जल्द काटकर हटा दें जिससे चंदन के पौधे उस जगह आसानी से ग्रोथ कर सके। खरपतवार पर नियंत्रण करना बहुत आवश्यक है।

चंदन के पौधों में लगने वाले रोग एवं रोकथाम (Diseases and Prevention of Sandalwood Plants )

वैसे तो चंदन के पौधों पर रोग का खतरा कम ही होता है लेकिन फिर भी कुछ रोग ऐसे है जो चंदन के पेड़ को प्रभावित करते हैं जिनमे से संक्रमिक वनस्पति और सैंडल स्पाइक नमक रोग प्रमुख है। इनसे बचाव के लिए कोई रोकथाम भी अभितक कारगर साबित नही हुई है जिसके वजह से खतरा बना रहता है इस बीमारी से चंदन के पेड़ के पत्तियां ऐंठ कर मुड़ने लगते हैं और धीरे धीरे विकृत होने लगते हैं। इससे बचाव के लिए चंदन के पेड़ के पास नीम का पेड़ भी जरूर लगाए इससे चंदन के पेड़ को उपयुक्त पोषक तत्व मिलेगा और रोगों से बचाव भी होगा।

चंदन की खेती पैदावार, कटाई और लाभ (Sandalwood Farming Yields, Harvesting and Benefits )

चंदन के पेड़ को तैयार होने में 10-12 साल का समय लग जाता है। इसका पौधा जितना ज्यादा पुराना होता है उतना ही किफायती होता है। चंदन का सभी भाग काम में आता है इसलिए इसे कटाई न करके पूरे जड़ से ही उखाड़ लिया जाता है। इसके बाद इसकी गुणवत्ता के आधार पर इसकी कटाई की जाती है। इसके पौधों को काटने से पहले सरकार से परमिशन लेनी पड़ती है और अगर आपके चंदन के पेड़ को कोई चोरी से काट लेता है तो आप पुलिस थाने के भी इसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। चंदन के पेड़ तैयार होने में काफी समय लगता है लेकिन इसका मूल्य भी बहुत ज्यादा होता है जिससे बाद में मोती कमाई होती है। 

एक एकड़ खेती से चंदन की 400 पेड़ो को तैयार किया जा सकता है और एक पेड़ से लगभग 20-30 KG लकड़ी प्राप्त होती है। भारतीय बाजार में एक KG चंदन की लकड़ी की कीमत 8-12 हजार रुपए है। यदि एक किसान एक एकड़ में ही चंदन के पेड़ो को तैयार करता है तो वह 10-12 सालों में करोड़ों की कमाई कर सकता है। 

दोस्तों हम ने इस आर्टिकल में जाना की Chandan Ki Kheti Kaise Karen के बारे में। अगर आप भी पौधे उगाकर कमाई करना चाहते हैं तो आप भी चंदन की खेती से अच्छा खासा कमाई कर सकते हैं इससे आप 10-12 सालों में ही करोड़ों अरबों रूपए कमा सकते हैं।