इस बैंक पर आरबीआई ने लगाया प्रतिबंध, रोजाना सिर्फ 15,000 रुपए ही निकाल पाएंगे ग्राहक

भारतीय रिजर्व बैंक ने मुंबई स्थित सर्वोदय सहकारी बैंक पर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं जिसमें से एक ये है की ग्राहक अब रोजाना सिर्फ 15,000 रुपए ही निकाल पाएंगे। यह नियम 16 अप्रैल से लागू हो चुका है।

एक प्रेस रिलीज में आरबीआई ने बताया की सर्वोदय सहकारी बैंक पर यह प्रतिबंध इस बैंक की वित्तीय असफलता के कारण लगाया गया है, इस बैंक पर यह प्रतिबंध लगने के वजह से इस बैंक के उन ग्राहकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है जो रोजाना 15,000 रुपए से ज्यादा पैसे निकालते थे।

हालांकि आरबीआई ने सत्यापित करते हुए ग्राहकों को एक आश्वासन दिलाया है की वे सर्वोदय सहकारी बैंक में अपने जमा राशि पर 5 लाख रुपए तक का बीमा राशि प्राप्त कर सकते हैं, बैंक पर प्रतिबंध लगने के बाद भी डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) यह बीमा प्रदान करता है।

इसके अतिरिक्त ये प्रतिबंध भी लगाए गए

रोजाना पैसे निकालने की लिमिट 15,000 रुपए तो कर ही दिया गया है इसके अतिरिक्त आरबीआई ने सर्वोदय सहकारी बैंक पर और भी कई प्रतिबंध लगाए हैं जैसे की अब यह बैंक ग्राहकों को लोन नहीं दे सकता और ना ही पुराने लोन का रिनीवल कर सकता है, नए निवेश करने और अन्य कोई अतिरिक्त दायित्व लेने के लिए भी मना किया गया है, अगर बैंक ऐसा करती है तो सबसे पहले आरबीआई से मंजूरी लेनी होगी और अगर आरबीआई अपना प्रतिबंध हटा लेती है तो फिर से यह बैंक पहले जैसे अपना संचालन कर सकती है।

लाइसेंस नहीं हुआ है रद्द

आपको बता दें की आरबीआई ने इस बैंक पर सिर्फ प्रतिबंध लगाया है इसका लाइसेंस रद्द नहीं किया गया है, जब इस बैंक की वित्तीय स्थिति में सुधार हो जाएगी तो आरबीआई अपना प्रतिबंध हटा लेगी लेकिन अभी फिलहाल इस बैंक को आरबीआई के दिए सीमित दायरे में अपना संचालन करना होगा जब तक की इसकी वित्तीय स्थिति ठीक नहीं हो जाती।

ग्राहकों के पास हैं ये अधिकार

डीआईसीजीसी अधिनियम के तहत अगर किसी बैंक पर आरबीआई प्रतिबंध लगाता है उस बैंक के ग्राहक अपने जमा राशि 5 लाख रुपए तक का बीमा राशि प्राप्त कर सकते हैं। यह राशि आवेदन करने के 90 दिनों में पूरी होती है। इसको दो भागों में विभाजित किया गया है अपना बैंक डिटेल जुटाने और डीआईसीजीसी को भेजने के लिए 45 दिन का समय होता है और फिर डीआईसीजीसी अगले 45 दिनों में अपनी ग्राहक की विवरण का संशोधन और भुगतान करता है।