परिचय:
डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर, जिन्हें एस. जयशंकर के नाम से जाना जाता है, भारत के प्रमुख राजनयिक और वर्तमान विदेश मंत्री हैं। उनकी बुद्धिमत्ता, कार्यकुशलता और कुशल नेतृत्व के कारण वे भारतीय राजनीति और कूटनीति में एक सम्माननीय स्थान रखते हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:
एस. जयशंकर का जन्म 9 जनवरी 1955 को नई दिल्ली में हुआ था। उनके पिता के. सुब्रह्मण्यम एक प्रसिद्ध रणनीतिकार और रक्षा मामलों के विशेषज्ञ थे। उनकी माता का नाम सत्यभामा था। जयशंकर की शिक्षा प्रतिष्ठित संस्थानों से हुई। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई की और इसके बाद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एमए और पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
व्यक्तिगत जीवन:
एस. जयशंकर का विवाह क्योको जयशंकर से हुआ, जो जापानी मूल की हैं। उनके तीन बच्चे हैं: ध्रुव, अर्जुन, और मेधा।
राजनयिक करियर:
डॉ. जयशंकर का राजनयिक करियर 1977 में भारतीय विदेश सेवा (IFS) से शुरू हुआ। अपने 40 साल के शानदार करियर में उन्होंने विभिन्न देशों में भारत के राजदूत के रूप में सेवाएं दीं, जिनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, और चेक गणराज्य शामिल हैं।
- संयुक्त राज्य अमेरिका:
अमेरिका में भारतीय राजदूत के रूप में उनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण थी। उन्होंने भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। - चीन:
चीन में भारतीय राजदूत रहते हुए उन्होंने दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने और व्यापारिक संबंधों को सुधारने का काम किया। - उपलब्धियां:
- परमाणु समझौते में उनकी अहम भूमिका रही।
- भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान उन्होंने कूटनीतिक स्तर पर उल्लेखनीय कार्य किया।
विदेश मंत्री के रूप में कार्यकाल:
2019 में एस. जयशंकर ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली नरेंद्र मोदी सरकार में विदेश मंत्री का पदभार ग्रहण किया। वे भारत के पहले ऐसे विदेश मंत्री हैं, जो भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रह चुके हैं।
मुख्य उपलब्धियां:
- आत्मनिर्भर भारत:
उन्होंने आत्मनिर्भर भारत को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने में अहम भूमिका निभाई। - वैश्विक संबंध:
उनकी कूटनीतिक कुशलता ने भारत को अमेरिका, रूस, और अन्य प्रमुख देशों के साथ बेहतर संबंध स्थापित करने में मदद की। - कोविड-19 के दौरान योगदान:
उन्होंने महामारी के समय विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
पुरस्कार और सम्मान:
डॉ. जयशंकर को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
निष्कर्ष:
एस. जयशंकर भारतीय राजनीति और कूटनीति में एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व हैं। उनकी कार्यकुशलता, समर्पण, और अनुभव ने भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक सशक्त पहचान दिलाने में मदद की है। उनका जीवन और करियर आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।