हर्षवर्धन जैन की जीवनी | Harshvardhan Jain Biography in Hindi

दोस्तों अगर आप हर्षवर्धन जैन के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते हैं और सर्च कर रहें हैं Harshvardhan Jain Biography in Hindi तो यह आर्टिकल आपके लिए है।

इस आर्टिकल में मैं आपको हर्षवर्धन जैन के जीवन परिचय के बारे में विस्तार से बताऊंगा जिसमें आप इनके बचपन से लेकर अबतक की जीवन यात्रा के बारे में जानेंगे, तो दोस्तों अगर आप हर्षवर्धन जैन के जीवन से जुड़ी सभी जानकारी लेना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़ें।

Harshvardhan Jain Biography in Hindi

नाम हर्षवर्धन जैन
उपनामहर्ष
जन्म तिथि21 अप्रैल 1980
जन्म स्थानजयपुर से 18 किमी दूर एक गांव में
वर्तमान निवासजयपुर, राजस्थान, भारत
शिक्षा स्नातक
शौकतैराकी, क्रिकेट, एक्टिंग, सिंगिंग
पेशा नेटवर्क मार्केटिंग, मोटिवेशनल स्पीकर
कंपनी नामMi Lifestyle Marketing Global Private Limited
कमाई 10-15 लाख महीना
संपत्ति 50 करोड़
पुरुषकार Mi Lifestyle Company Top Earner
वैवाहिक स्थितिवैवाहित
धर्महिंदू
नागरिकताभारतीय

हर्षवर्धन जैन कौन हैं?

हर्षवर्धन जैन भारत के सबसे बड़े नेटवर्क मार्केटिंग लीडर में से एक हैं और साथ ही ये एक अच्छे मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं, जो की लोगों को जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहते हैं इनके मोटिवेशनल विडियोज अक्सर आपको यूट्यूब या सोशल मीडिया पर देखने को मिल जाएंगे। हर्षवर्धन जैन एक मध्यम वर्गीय परिवार से बिलोंग करते हैं लेकिन इन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और संघर्ष से अपनी जीवन में सफलता हासिल की है जिससे आज ये अन्य लोगों को भी जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर पा रहें हैं। इनका खुद का एक यूट्यूब चैनल भी है जिसमे करोड़ों में सब्सक्राइबर हैं, इनका वीडियो मोटिवेशनल तथा नेटवर्क मार्केटिंग से संबंधित होता है जो लोगों को जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।

हर्षवर्धन जैन का बचपन

हर्षवर्धन का जन्म राजस्थान के जयपुर से 18 किमी दूर एक छोटे से गांव में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था इनके पिताजी जयपुर में एक veterinary डॉक्टर का काम करते थे जो की एक सरकारी नौकरी था तथा इनकी माताजी हाउसवाइफ थी। जब इनके पिताजी का शादी हुआ तब उन्हें 11 साल तक कोई संतान नहीं हुआ था और जब हमारे देश में किसी को संतान नहीं होता तो लोग ज्योतिष या पंडित जी को दिखाते हैं और जब इनके पिताजी पंडित जी से मिले तब उन्होंने बताया की धैर्य रखिए क्योंकि महापुरुषों को आने में समय लगता है और फाइनली वो दिन आ गया जब 21 अप्रैल 1980 को हर्षवर्धन का जन्म हुआ जो की सच में आज एक महापुरुष हैं।

स्कूली शिक्षा

हर्षवर्धन ने अपनी स्कूली शिक्षा कई अलग अलग स्कूल से पूरी की, इन्होंने सातवी तक की पढ़ाई अपने गांव के सरकारी स्कूल से, आठवी और नौवीं की पढ़ाई जयपुर के टैगोर स्कूल से, दसवीं की पढ़ाई बीकानेर में अपने ताऊ जी के यहां रहकर की तथा 11वीं, 12वीं की पढ़ाई खंडेलवाल स्कूल से पूरी की।

तैराकी में थे माहिर

हर्षवर्धन बताते हैं की वे जब 3-4 साल के रहें होंगे तभी से वे अपने घर से कुछ दूर एक तालाब में जाने लगे थे और 5-6 साल की उम्र तक आते आते एक अच्छे तैराक बन गए थे, उन्होंने अपने से बड़ों बच्चों को देखकर पहले चार से पांच फीट, दस से पंद्रह फीट और फिर तीस से चालीस फीट तक की गहरी जगह पर तौर लेते थे, हर्ष बताते हैं की इतनी गहरी जगह पे तैरने के वजह से कई बार उनके पिताजी तालाब से ही उन्हे घर तक पीटते हुए लाया करते थे। हर्ष बचपन से ही तैराकी में अच्छे थे जिसके वजह से उन्होंने तैराकी को ही अपना कैरियर बनाने को सोचा लेकिन इसमें प्रोफेशनल ना होने के वजह से आगे नहीं बढ़ पाए।

क्रिकेट खेलने का भी था शौक

हर्षवर्धन बताते हैं की वे 11-12 साल की उम्र तक आते आते उनको क्रिकेट का भूत सवार हो गया था और वे इतना क्रिकेट खेलते थे की कभी कभी वे घर में खाना खाने भी नही जाते थे जिसके वजह से घरवालों को ही उनके लिए मैदान में खाना पहुंचाना पड़ता था, हर्ष को क्रिकेट में बहुत लगाव था और वे अपने गांव में क्रिकेट का टूर्नामेंट भी कराते थे और उसका सारा काम भी वही मैनेज करते थे ट्राफी लाना, पिच बनवाना, मैदान की देखभाल करना इत्यादि। हर्षवर्धन उस समय अपने जिले में सबसे बेहतरीन बैट्समैन हुआ करते थे, उन्होंने कई जिला स्तर के मैच खेले और 19 सेंचुरी भी लगा चुके हैं, हर्षवर्धन ने सुरेंद्र वत्स के एक इंटरव्यू में मजाक में बताया था की एक बार उन्होंने 29 बॉल में सेंचुरी मार दी थी तो इसपर सुरेंद्र वत्स पुंछते हैं की कैसे तो हर्ष बताते हैं की उन्होंने 37 साल की उम्र में 20-22 साल के लड़कों के साथ क्रिकेट खेली और 29 बॉल में ही सेंचुरी लगा दिए, इस बात को उन्होंने मजाकिया अंदाज में बोला था।

कला और संगीत में भी रखते थे रुचि

हर्षवर्धन तैराकी और क्रिकेट के अलावा कला और संगीत में भी रुचि रखते थे, जब भी उनके गांव में कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम होता था तो उन्हे मुख्य कलाकार का रोल दिया जाता था, हर्षवर्धन बताते हैं जब वे 9 साल के थे तब उन्होंने एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में एक ग्वाले का रोल किया था जिससे उन्हे 1100 रुपए का पुरुष्कार भी मिला था। जो की 1989 के जमाने में काफी रुपए होते थे।

आगे की पढ़ाई

हर्षवर्धन सर का बचपन हस्ते खेलते बीत गया और उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद Bsc करने लगे लेकिन हर्ष को पढ़ाई में मन ही नही लगता था क्योंकि उनको तो क्रिकेट का भूत सवार था और नतीजा यह हुआ की हर्षवर्धन Bsc में पहले साल में ही फैल हो गए, फैल होने के बाद उनके पिताजी ने भी इनसे स्कूटी ले ली जो इनको कॉलेज जाने के लिया दिया था और ये बास से कॉलेज जाया करते थे जिसके लिए उनके पिताजी उन्हे बस के किराए के लिए 3 रुपया दिया करते थे। जिसमे से हर्षवर्धन 1 रुपया पैदल चलकर बचा लेते थे और कुछ दूर चलने के बाद 2 रुपया किराया देकर जाते थे। इस तरह से उनके पास तीन दिन में 3 रूपया बच जाते थे जिससे वे जयपुर के एक जगह चांदपुर में कचौड़ियां खाया करते थे।

Bsc में फैल होने के बाद उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई दर्शन शास्त्र से शुरू की क्योंकि दर्शन शास्त्र में इनका बहुत मन लगता था और इनको सीखने में मजा भी आता था।

नेटवर्क मार्केटर में एंट्री

हर्षवर्धन जब Second Year में थे तब इनके एक दोस्त ने बताया की एक अमेरिका की कंपनी आई है जो लोगों को अमीर बनाती है जब ये वहां पर गए तो लोगों को तालिया बजाते देखा, स्टेज पर नाचते गाते देखा जो इनके स्वभाव को मैच कर गया और ये भी उन्ही के साथ मिल गए और इस प्रकार हर्षवर्धन जैन ने नेटवर्क मार्केटिंग में एंट्री ली।

नेटवर्क मार्केटिंग कैरियर

लेकिन नेटवर्क मार्केटिंग का ये सफल इतना भी आसान नहीं होने वाला था इन्होंने एक महीने तक अपने दोस्तों रिश्तेदारों को ज्वाइन कराने की बहुत कोशिश की लेकिन एक भी ज्वाइनिंग नही हुआ, फिर इसके बाद इन्होंने अपने अपलाइन से नेटवर्क मार्केटिंग के बारे में अच्छे से सीखा जो सभी को सीखना जरूरी होता है और फिर सन् 2001 से जीतोड़ मेहनत करने लगे और चार पांच सालो में ही नेटवर्क मार्केटिंग के एक बड़े लीडर बन गए, लेकिन 2006 में इनकी पहली कंपनी बंद हो गई और इनका सबकुछ जीरो हो गया।

लेकिन इन्होंने हार नही मानी और दूसरी कंपनी मे फिर से जीतोड़ मेहनत करने लगे और अब ये पहले से भी ज्यादा कमाई करने लगे थे लेकिन कुछ मनी सर्कुलेशन कंपनियों की वजह से भारत सरकार में सभी नेटवर्क मार्केटिंग कंपनियों को बंद कर दिया। तब अपने इंडस्ट्री को बचाने के चक्कर में हर्षवर्धन को सन 2011 में 37 दिनों के लिए जेल भी जाना पड़ा था जहां ये 37 दिनों में 70 किताबें पढ़ डाली थी।

नेटवर्क मार्केटिंग इंडस्ट्री को बचाने के लिए हर्षवर्धन तथा और भी कई लीडर्स ने मिलकर बहुत संघर्ष किया जिसके फलस्वरूप भारत सरकार ने डायरेक्ट सेलिंग गाइडलाइन जारी की और फिर से नेटवर्क मार्केटिंग का एक सुनहरा दौर चलने लगा। हर्षवर्धन सर अभी Mi Lifestyle Company के टॉप लीडर्स में से हैं।

हर्षवर्धन सर की संपत्ति

हर्षवर्धन सर की संपत्ति की बात करें तो इनके पास आज सबकुछ है, वर्तमान में ये राजस्थान में रह रहें हैं जहां इनका एक शानदार बंगला है, Mercedes Benz जैसी कारें हैं, इनकी हर महीने की कमाई 10-30 लाख रुपए है तथा इनकी टोटल संपत्ति 50 करोड़ के लगभग है।

वर्तमान कार्य

वर्तमान में हर्षवर्धन सर नेटवर्क मार्केटिंग इंडस्ट्री के बहुत बड़े लीडर हैं और ये बड़े बड़े सेमिनार में भाग लेते हैं जहां पर लोगों को जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं, हर्षवर्धन सर को आज हर कोई जानने लगा है और सोशल मीडिया पर इनको लाखों करोड़ों लोग फॉलो करते हैं। इनके एक यूट्यूब चैनल भी है जिसमे करोड़ों में Subscribers हैं।

FAQ

Harshvardhan Jain Income

हर्षवर्धन जैन नेटवर्क मार्केटिंग से हर महीने 10-15 लाख रुपए कमाते हैं वहीं इनकी यूट्यूब की कमाई 2-3 लाख रुपए है, इसके अलावा भी इनके कई Earning Sources हैं।

Harshvardhan Jain Wife

हर्षवर्धन जैन की पत्नी का नाम सुशीला है

Harshvardhan Jain Net Worth in Rupees

हर्षवर्धन जैन लगभग 50 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं

Harshvardhan Jain Car

Mercedes Benz

Who is Harshvardhan Jain

Network Marketing Leader, Trainer, Business Coach, Motivational Speaker, Writer, Youtuber.

Harshvardhan Jain MLM Company Name

Mi Lifestyle Marketing Global Private Limited

Harshvardhan Jain Age

हर्षवर्धन जैन 2022 तक 42 साल के हैं

Harshvardhan Jain Child

हर्षवर्धन सर के बच्चों के बारे में हम ज्यादा जानकारी नहीं जुटा पाए लेकिन इनका एक बेटा है जिनके साथ अक्सर ये सोशल मीडिया पर फोटो शेयर करते रहते हैं।

Harshvardhan Jain Business

Network Marketing

Harshvardhan Jain Jail

हर्षवर्धन सर सन् 2011 में 37 दिनों के लिए जेल गए थे।

Harshvardhan Jain Profession

Network Marketing, Motivational Speaker

Harshvardhan Jain Birth Place

राजस्थान में जयपुर से 18 किमी दूर एक गांव में

निष्कर्ष

इस आर्टिकल में आपने Harshvardhan Jain Biography in Hindi के बारे में विस्तार से जाना, मुझे पूरा उम्मीद है की यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी, दोस्तों अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे और लोगों तक जरूर शेयर करें ताकी वे भी हषर्वर्धन सर के जीवन परिचय के बारे में विस्तार से जान सकें।