बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार को क्यों हटाया गया?

बांग्लादेश में हाल ही में राजनीतिक अस्थिरता और जनविरोध ने बड़े बदलाव को जन्म दिया। यह बदलाव शेख हसीना सरकार के पतन के रूप में सामने आया। इस लेख में हम विस्तार से चर्चा करेंगे कि शेख हसीना को क्यों हटाया गया, इसके पीछे क्या कारण रहे और देश में यह स्थिति कैसे बनी।


1. शेख हसीना का शासन और विवाद

शेख हसीना 2009 से बांग्लादेश की प्रधानमंत्री थीं और उनके नेतृत्व में देश ने आर्थिक विकास, बुनियादी ढांचे में सुधार, और शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति देखी। लेकिन, उनका शासन विवादों से भी घिरा रहा।

  • अधिनायकवादी रवैया: शेख हसीना पर अपने विरोधियों का दमन करने और मीडिया की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के आरोप लगे।
  • भ्रष्टाचार: उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के कई आरोप लगाए गए।
  • अल्पसंख्यकों पर हमले: अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों को रोकने में सरकार की नाकामी ने जनता के बीच असंतोष बढ़ा दिया।

2. सरकार विरोधी आंदोलन

छात्रों का विरोध

2024 में सरकारी नौकरियों में ‘कोटा प्रणाली’ लागू करने के फैसले ने छात्रों को सड़कों पर ला दिया। इस नीति के तहत स्वतंत्रता संग्राम के दिग्गजों के परिवारों को 30% सरकारी नौकरियां आरक्षित थीं।

  • छात्रों का असंतोष: छात्रों का कहना था कि यह प्रणाली मेरिट आधारित नौकरियों को बाधित करती है।
  • शेख हसीना का बयान: उन्होंने प्रदर्शनकारियों को ‘रजाकार’ (देशद्रोही) कहा, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
  • राष्ट्रीय स्तर पर विरोध: छात्रों के इस आंदोलन को जल्द ही आम जनता और विपक्षी दलों का समर्थन मिला।

हिंसक झड़पें

  • विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं, जिनमें कई लोग मारे गए।
  • हिंसा और दमन ने सरकार के प्रति जनता का गुस्सा और बढ़ा दिया।

3. सेना का हस्तक्षेप

जब सरकार विरोधी प्रदर्शन नियंत्रण से बाहर हो गए, तब बांग्लादेश की सेना ने हस्तक्षेप किया।

  • सेना का अल्टीमेटम: सेना प्रमुख ने शेख हसीना को इस्तीफा देने का आदेश दिया।
  • अंतरिम सरकार का गठन: सेना ने नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार की स्थापना की।

4. अंतरराष्ट्रीय दबाव

मानवाधिकार उल्लंघन

संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने बांग्लादेश में मानवाधिकार उल्लंघनों की आलोचना की।

  • संयुक्त राष्ट्र की अपील: हिंसा रोकने और शांतिपूर्ण समाधान की अपील की गई।
  • अमेरिका की भूमिका: शेख हसीना ने अमेरिका पर उनकी सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया। हालांकि, अमेरिका ने इसे खारिज कर दिया।

मोहम्मद यूनुस का समर्थन

  • मोहम्मद यूनुस, जो ‘ग्रामीण बैंक’ के संस्थापक हैं, को अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों का समर्थन प्राप्त था।
  • कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि अमेरिका ने मोहम्मद यूनुस को सत्ता में लाने के लिए शेख हसीना को हटाने की योजना बनाई।

5. शेख हसीना का इस्तीफा और निर्वासन

  • सेना और जनता के दबाव के चलते शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया।
  • इस्तीफे के बाद, उन्होंने देश छोड़ दिया और फिलहाल निर्वासन में हैं।

6. नए युग की शुरुआत

मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार

  • मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में नई अंतरिम सरकार का गठन हुआ।
  • न्यायपालिका में बड़े बदलाव किए गए, जिसमें कई प्रमुख न्यायाधीशों के इस्तीफे शामिल हैं।
  • राजनीतिक कैदियों को रिहा किया गया, जिनमें पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया भी शामिल हैं।

न्याय और सुधार

अंतरिम सरकार ने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और देश की न्याय व्यवस्था में सुधार लाने का वादा किया।


निष्कर्ष

शेख हसीना सरकार का पतन बांग्लादेश में लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का परिणाम था। जनता का असंतोष, मानवाधिकार उल्लंघन, और सेना का दबाव इन बदलावों के प्रमुख कारण बने। यह घटना बांग्लादेश की राजनीति के इतिहास में एक बड़ा मोड़ है, जो देश को नई दिशा में ले जाने की क्षमता रखती है।

क्या यह बदलाव बांग्लादेश के लिए सकारात्मक साबित होगा या नई चुनौतियां खड़ी करेगा? यह भविष्य ही बताएगा।