भारत के राष्ट्रगान को किसने लिखा था?

भारत का राष्ट्रगान, “जन गण मन,” देश की एकता, संस्कृति और विरासत का प्रतीक है। इसे भारत के महान कवि और नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने लिखा था। यह राष्ट्रगान भारत की विविधता और एकता का सजीव चित्रण करता है।

रवींद्रनाथ टैगोर: एक परिचय

रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को बंगाल (वर्तमान में पश्चिम बंगाल) के कोलकाता शहर में हुआ था। वे एक महान कवि, लेखक, संगीतकार और चित्रकार थे। उन्हें साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 1913 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। रवींद्रनाथ टैगोर ने न केवल भारत का राष्ट्रगान लिखा, बल्कि बांग्लादेश के राष्ट्रगान “आमार सोनार बांग्ला” के भी रचयिता हैं।

“जन गण मन” की रचना

“जन गण मन” को पहली बार 27 दिसंबर 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में गाया गया था। इसे बांग्ला भाषा में लिखा गया था और मूल रूप से “भारतो भाग्य विधाता” शीर्षक के अंतर्गत एक कविता का हिस्सा था। यह कविता पाँच पदों में लिखी गई थी, लेकिन राष्ट्रगान के रूप में केवल पहले पद को अपनाया गया।

राष्ट्रगान के रूप में स्वीकृति

15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ, लेकिन राष्ट्रगान के चयन पर विचार-विमर्श चलता रहा। अंततः 24 जनवरी 1950 को “जन गण मन” को भारत के आधिकारिक राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया। इसके संगीत को कैप्टन राम सिंह ठाकुर ने भारतीय सैन्य बैंड के लिए तैयार किया।

“जन गण मन” के शब्द और अर्थ

राष्ट्रगान के शब्द भारत के विभिन्न हिस्सों, संस्कृतियों और भाषाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह भारत की विविधता में एकता के विचार को उजागर करता है। इसके शब्द इस प्रकार हैं:

जन गण मन अधिनायक जय हे, भारत भाग्य विधाता।
पंजाब सिंध गुजरात मराठा, द्राविड़ उत्कल बंगा।
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा, उच्छल जलधि तरंगा।
तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मांगे।
गाहे तव जय गाथा।
जन गण मंगल दायक जय हे, भारत भाग्य विधाता।
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।

इसका अर्थ है कि भारत के लोग उस शक्ति की स्तुति करते हैं जो उनके भाग्य की विधाता है। यह राष्ट्रगान सभी भारतीयों के बीच देशभक्ति और गर्व की भावना को जागृत करता है।

निष्कर्ष

“जन गण मन” केवल एक गीत नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, एकता और स्वतंत्रता का प्रतीक है। रवींद्रनाथ टैगोर ने अपनी लेखनी से इसे अमर बना दिया। यह राष्ट्रगान हर भारतीय को गर्व और देशभक्ति का अनुभव कराता है।