भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में महिलाओं की भागीदारी भारतीय समाज में लैंगिक समानता और महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। भारत की पहली महिला IAS अधिकारी अन्ना राजम मल्होत्रा थीं, जिन्होंने अपने समर्पण, साहस और मेहनत से देश की महिलाओं के लिए एक मिसाल कायम की।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
अन्ना राजम मल्होत्रा का जन्म 17 जुलाई 1927 को केरल के एर्नाकुलम जिले में हुआ था। उनका पूरा नाम अन्ना राजम जॉर्ज था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा केरल में पूरी की और उच्च शिक्षा के लिए मद्रास (वर्तमान चेन्नई) चली गईं। अन्ना ने मद्रास विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक और परास्नातक की डिग्री हासिल की।
IAS अधिकारी बनने का सफर
अन्ना राजम मल्होत्रा ने 1950 में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा उत्तीर्ण की। उस समय महिलाओं का प्रशासनिक सेवाओं में शामिल होना दुर्लभ था। प्रशिक्षण के दौरान, उन्हें सिविल सेवा में शामिल न होने के लिए हतोत्साहित किया गया और सचिवालय सेवा का हिस्सा बनने की सलाह दी गई। लेकिन उन्होंने अपने निर्णय पर अडिग रहते हुए IAS में शामिल होने का विकल्प चुना।
1951 में, अन्ना राजम मल्होत्रा को मद्रास कैडर आवंटित किया गया। अपनी सेवा के शुरुआती वर्षों में उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन उन्होंने हर समस्या का साहसपूर्वक समाधान किया और अपनी योग्यता साबित की।
प्रशासनिक योगदान
अन्ना राजम मल्होत्रा ने कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर कार्य किया। उन्होंने मद्रास (तमिलनाडु) राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में सेवा दी और अपनी कार्यक्षमता का प्रदर्शन किया। उनके प्रमुख योगदानों में शामिल हैं:
- चुनाव आयोग में कार्य: उन्होंने चुनावी प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने में मदद की।
- भाषा विविधता को संभालना: अन्ना को दक्षिण भारत की भाषाई विविधता के साथ काम करने का अनुभव था, जिसने उनकी प्रशासनिक क्षमता को मजबूत किया।
- इंफ्रास्ट्रक्चर विकास: अन्ना राजम मल्होत्रा ने जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी), नवी मुंबई के विकास में भी अहम भूमिका निभाई।
सम्मान और उपलब्धियां
अन्ना राजम मल्होत्रा को उनकी सेवाओं के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले। 1989 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनके अद्वितीय प्रशासनिक कौशल और देश के प्रति योगदान को मान्यता देने के लिए दिया गया।
महिलाओं के लिए प्रेरणा
अन्ना राजम मल्होत्रा ने यह साबित कर दिया कि यदि महिलाएं दृढ़ निश्चय करें तो वे किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल कर सकती हैं। उनकी कहानी आज भी महिलाओं को अपने सपनों को पूरा करने और चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करती है।
निष्कर्ष
अन्ना राजम मल्होत्रा का जीवन और कार्य भारतीय प्रशासनिक सेवा और महिलाओं के सशक्तिकरण के इतिहास में एक मील का पत्थर है। उनकी कड़ी मेहनत, ईमानदारी और प्रतिबद्धता ने उन्हें एक आदर्श व्यक्तित्व बनाया। आज, जब भी भारत में IAS अधिकारियों की बात होती है, अन्ना राजम मल्होत्रा का नाम गर्व और सम्मान के साथ लिया जाता है।