भारत में किस राज्य के लोग सबसे ज्यादा शराब पीते हैं? देखें टॉप 10 राज्यों की सूची

भारत में शराब की खपत एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण मुद्दा है, जो समाज के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है। यह खपत राज्यवार भिन्न होती है और इसके पीछे सांस्कृतिक, आर्थिक, और सामाजिक कारण होते हैं। इस लेख में हम भारत में शराब की खपत के शीर्ष 10 राज्यों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।


1. छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में शराब की खपत सबसे अधिक है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) के अनुसार, यहां 35.6% लोग शराब का सेवन करते हैं। राज्य सरकार द्वारा संचालित शराब की दुकानों से सस्ती और आसानी से उपलब्ध शराब इसका मुख्य कारण है।

प्रभाव:

  • ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक खपत।
  • पारिवारिक हिंसा और स्वास्थ्य समस्याओं में वृद्धि।

2. त्रिपुरा

त्रिपुरा में 34.7% लोग शराब का सेवन करते हैं। यहां की जलवायु और पारंपरिक रीति-रिवाज शराब की खपत को बढ़ावा देते हैं।

विशेषताएं:

  • यहां स्थानीय शराब (Rice Beer) का अधिक प्रचलन है।
  • त्योहारों में शराब का उपयोग आम है।

3. आंध्र प्रदेश

आंध्र प्रदेश में 34.5% लोग नियमित रूप से शराब पीते हैं। यहां सरकार शराब की बिक्री से भारी राजस्व प्राप्त करती है।

प्रमुख तथ्य:

  • शराब की खपत पर राज्य सरकार का नियंत्रण।
  • राजस्व का एक बड़ा हिस्सा शराब से आता है।

4. पंजाब

पंजाब में लगभग 28.5% लोग शराब पीते हैं। यहां शराब को सामाजिक जीवन का हिस्सा माना जाता है।

कारण:

  • त्योहारों और शादी समारोहों में शराब का प्रचलन।
  • पारंपरिक शराब, जैसे देसी और व्हिस्की, अधिक लोकप्रिय।

5. अरुणाचल प्रदेश

अरुणाचल प्रदेश में 28% आबादी शराब का सेवन करती है। यहां स्थानीय स्तर पर तैयार की गई शराब, जैसे अपोंग (चावल की शराब), काफी प्रचलित है।

सांस्कृतिक प्रभाव:

  • जनजातीय समाज में शराब का महत्व।
  • सांस्कृतिक आयोजनों में शराब का उपयोग।

6. गोवा

गोवा में 26.4% लोग शराब पीते हैं। यह राज्य अपने पर्यटक उद्योग और सस्ती शराब के लिए प्रसिद्ध है।

विशेषताएं:

  • शराब पर कम टैक्स।
  • पर्यटन और पार्टी कल्चर का योगदान।

7. केरल

केरल में 19.9% लोग शराब पीते हैं। राज्य सरकार ने शराब की खपत को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए हैं, लेकिन यह अभी भी उच्च स्तर पर है।

महत्वपूर्ण पहलू:

  • बीयर और व्हिस्की अधिक लोकप्रिय।
  • शराब पर उच्च कर, लेकिन खपत अभी भी अधिक।

8. तमिलनाडु

तमिलनाडु में 15% लोग शराब पीते हैं। राज्य सरकार Tasmac के माध्यम से शराब की बिक्री करती है।

प्रभाव:

  • राजस्व का बड़ा हिस्सा शराब से आता है।
  • गरीब तबके पर नकारात्मक प्रभाव।

9. पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल में 14% लोग शराब का सेवन करते हैं। यहां देसी शराब और बियर अधिक लोकप्रिय हैं।

कारण:

  • त्योहारों में शराब का उपयोग।
  • देसी शराब की सस्ती कीमत।

10. कर्नाटक

कर्नाटक में 11% लोग शराब पीते हैं। यहां शराब की खपत शहरी क्षेत्रों में अधिक है।

विशेषताएं:

  • बियर की खपत अधिक।
  • युवा पीढ़ी में शराब का चलन।

शराब की खपत के कारण

  1. सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव:
    त्योहारों, शादी समारोहों, और अन्य सामाजिक आयोजनों में शराब का उपयोग सामान्य है।
  2. आर्थिक कारण:
    शराब पर लगने वाले कर से राज्य सरकारों को भारी राजस्व प्राप्त होता है।
  3. पर्यटन उद्योग:
    गोवा जैसे राज्यों में पर्यटन ने शराब की खपत को बढ़ावा दिया है।
  4. स्थानीय परंपराएं:
    उत्तर-पूर्वी राज्यों में पारंपरिक शराब का चलन अधिक है।

शराब की खपत के प्रभाव

  1. स्वास्थ्य पर प्रभाव:
    • शराब की लत से लिवर की बीमारियां, कैंसर, और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं।
  2. सामाजिक प्रभाव:
    • पारिवारिक विवाद और घरेलू हिंसा बढ़ती है।
  3. आर्थिक प्रभाव:
    • गरीब तबके की आय शराब पर खर्च हो जाती है।

नियंत्रण के उपाय

  1. शराब की बिक्री पर सीमाएं लगाना।
  2. जागरूकता अभियान चलाना।
  3. सस्ती और नशामुक्त विकल्प उपलब्ध कराना।

निष्कर्ष

भारत में शराब की खपत विभिन्न राज्यों में अलग-अलग है। इसके सामाजिक और आर्थिक प्रभाव गहरे हैं। सरकार और समाज को मिलकर शराब की खपत को नियंत्रित करने और इसके दुष्प्रभावों को कम करने के लिए प्रयास करना चाहिए।