भारत में किस व्यक्ति के पास सबसे ज्यादा जमीन है?

भारत में जमीन का मालिकाना हक हमेशा से एक चर्चा का विषय रहा है। यहाँ पर जमीन का स्वामित्व सरकार, धार्मिक संस्थाओं, और व्यक्तिगत रूप से लोगों के बीच बंटा हुआ है। लेकिन जब बात व्यक्तिगत जमीन के मालिक की होती है, तो एक नाम सबसे ऊपर आता है – मुथैया मुथैया परिवार। इस लेख में हम जानेंगे कि भारत में सबसे ज्यादा जमीन किसके पास है और यह जमीन कैसे हासिल हुई।

मुथैया मुथैया परिवार

मुथैया मुथैया परिवार तमिलनाडु का एक प्रमुख परिवार है, जो कृषि और वानिकी के क्षेत्र में प्रसिद्ध है। इस परिवार के पास 10,000 एकड़ से अधिक जमीन है। उनकी जमीनें मुख्य रूप से तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक राज्यों में फैली हुई हैं। वे इन जमीनों का उपयोग खेती, चाय बागानों, और वानिकी के लिए करते हैं।

दादाबाई नौरोजी ट्रस्ट और अन्य संस्थाएँ

अगर धार्मिक संस्थानों की बात करें, तो भारत में त्रिपाठी बालाजी मंदिर और सिद्धिविनायक ट्रस्ट जैसे संस्थानों के पास लाखों एकड़ जमीन है। हालांकि, यह जमीन व्यक्तिगत स्वामित्व की श्रेणी में नहीं आती, क्योंकि यह ट्रस्ट के अधीन है।

अन्य प्रमुख जमीन मालिक

  1. जयदेव गाला: आंध्र प्रदेश के जयदेव गाला एक बड़े जमीन मालिक हैं, जिनके पास हजारों एकड़ कृषि भूमि है।
  2. विजयपत सिंघानिया: ये प्रमुख उद्योगपति और रेमंड ग्रुप के मालिक हैं। इनके पास भी बड़े पैमाने पर जमीन है।
  3. धीरेंद्र ब्रह्मचारी: दिवंगत योग गुरु धीरेंद्र ब्रह्मचारी के पास जम्मू और कश्मीर में 10,000 एकड़ जमीन थी, जिसमें कई आश्रम और योग केंद्र शामिल थे।

सरकारी जमीन

भारत में सबसे ज्यादा जमीन भारत सरकार के पास है। भारतीय सेना के पास ही लगभग 17 लाख एकड़ जमीन है। इसके अलावा, रेलवे विभाग के पास भी करोड़ों एकड़ जमीन है।

निष्कर्ष

भारत में सबसे ज्यादा जमीन का मालिकाना हक व्यक्तिगत और संस्थागत स्वामित्व के बीच विभाजित है। अगर व्यक्तिगत स्वामित्व की बात करें तो मुथैया मुथैया परिवार और धीरेंद्र ब्रह्मचारी जैसे नाम सबसे आगे आते हैं। वहीं, धार्मिक संस्थाएँ और सरकारी विभाग भारत की जमीन के बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखते हैं।

नोट: यह जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त है और बदलती परिस्थितियों के आधार पर भिन्न हो सकती है।