भारत का न्यायिक तंत्र एक मजबूत आधारशिला पर आधारित है। इस तंत्र का एक अहम हिस्सा हाई कोर्ट है, जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कानून और न्याय को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वर्तमान में, भारत में कुल 25 हाई कोर्ट हैं।
हाई कोर्ट का इतिहास
भारतीय न्यायपालिका का इतिहास 1862 से शुरू होता है, जब देश में पहली बार तीन हाई कोर्ट की स्थापना की गई।
- 1862 में कलकत्ता, मद्रास, और बॉम्बे हाई कोर्ट का गठन हुआ।
- 1950 में भारतीय संविधान लागू होने के बाद, हाई कोर्ट को संविधान के अनुच्छेद 214 से 231 के तहत शक्तियां प्रदान की गईं।
हाई कोर्ट की भूमिका
हाई कोर्ट राज्य स्तर पर न्यायपालिका का सर्वोच्च न्यायालय है। इसकी मुख्य भूमिकाएं हैं:
- मूल अधिकारों की सुरक्षा: नागरिकों के मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के मामलों की सुनवाई।
- न्यायिक समीक्षा: विधायिका और कार्यपालिका के निर्णयों की समीक्षा।
- आपराधिक और सिविल मामलों की सुनवाई: राज्य के न्यायालयों में अपील।
- सरकारी संस्थानों पर नियंत्रण: सरकारी अधिकारियों और संस्थानों द्वारा कानूनों का पालन सुनिश्चित करना।
वर्तमान में भारत में हाई कोर्ट
भारत में कुल 25 हाई कोर्ट हैं, जो विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कार्य करते हैं।
हाई कोर्ट | स्थापना वर्ष | अधिकार क्षेत्र |
---|---|---|
इलाहाबाद हाई कोर्ट | 1866 | उत्तर प्रदेश |
बॉम्बे हाई कोर्ट | 1862 | महाराष्ट्र, गोवा, दमन और दीव |
कलकत्ता हाई कोर्ट | 1862 | पश्चिम बंगाल और अंडमान-निकोबार |
दिल्ली हाई कोर्ट | 1966 | दिल्ली |
मद्रास हाई कोर्ट | 1862 | तमिलनाडु और पुदुचेरी |
कर्नाटक हाई कोर्ट | 1884 | कर्नाटक |
केरल हाई कोर्ट | 1956 | केरल और लक्षद्वीप |
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट | 1947 | पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ |
राजस्थान हाई कोर्ट | 1949 | राजस्थान |
गुजरात हाई कोर्ट | 1960 | गुजरात |
पटना हाई कोर्ट | 1916 | बिहार |
झारखंड हाई कोर्ट | 2000 | झारखंड |
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट | 2000 | छत्तीसगढ़ |
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट | 1936 | मध्य प्रदेश |
उड़ीसा हाई कोर्ट | 1948 | उड़ीसा |
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट | 1971 | हिमाचल प्रदेश |
सिक्किम हाई कोर्ट | 1975 | सिक्किम |
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट | 2019 | जम्मू-कश्मीर और लद्दाख |
मेघालय हाई कोर्ट | 2013 | मेघालय |
मणिपुर हाई कोर्ट | 2013 | मणिपुर |
त्रिपुरा हाई कोर्ट | 2013 | त्रिपुरा |
नागालैंड हाई कोर्ट | 2013 | नागालैंड |
अरुणाचल प्रदेश हाई कोर्ट | 2013 | अरुणाचल प्रदेश |
हाई कोर्ट का कार्यक्षेत्र
हाई कोर्ट के पास सिविल, आपराधिक और संवैधानिक मामलों की सुनवाई का अधिकार है। इसके अलावा, हाई कोर्ट को अपने क्षेत्र के अधीनस्थ न्यायालयों पर नियंत्रण और पर्यवेक्षण का अधिकार भी है।
मुख्य शक्तियां:
- विधान की वैधता का परीक्षण
- सरकारी आदेशों की समीक्षा
- रिट याचिका जारी करना
- अपील का अधिकार
निष्कर्ष
भारत का हाई कोर्ट तंत्र नागरिकों को न्याय और अधिकार प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। देश के 25 हाई कोर्ट न केवल कानून की रक्षा करते हैं, बल्कि न्यायपालिका की स्वायत्तता और मजबूती को भी सुनिश्चित करते हैं।