परिचय
दुनिया की सबसे ऊँची इमारत, बुर्ज खलीफा, मानव निर्माण और वास्तुकला का एक अद्भुत उदाहरण है। दुबई में स्थित यह गगनचुंबी इमारत अपनी ऊँचाई, भव्यता, और निर्माण की तकनीकों के लिए जानी जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस इमारत का असली मालिक कौन है? आइए, इस लेख में इसके मालिक और निर्माण से जुड़े तथ्यों को विस्तार से जानते हैं।
बुर्ज खलीफा का निर्माण और स्वामित्व
बुर्ज खलीफा का निर्माण एमार प्रॉपर्टीज (Emaar Properties) नामक कंपनी ने किया है। यह कंपनी संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की एक प्रमुख रियल एस्टेट डेवलपर कंपनी है। एमार प्रॉपर्टीज के मालिक मोहम्मद अली अलाब्बार हैं, जो इस कंपनी के संस्थापक और चेयरमैन हैं। हालांकि, इमारत का मालिकाना हक पूरी तरह से एमार प्रॉपर्टीज के पास नहीं है, क्योंकि यह कई निवेशकों और दुबई सरकार के सहयोग से बनी है।
दुबई सरकार की भूमिका
बुर्ज खलीफा का निर्माण दुबई सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा था। दुबई की सरकार ने इस परियोजना का वित्तीय और प्रशासनिक समर्थन दिया। दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने इसे एक वैश्विक प्रतीक बनाने का सपना देखा था।
बुर्ज खलीफा की प्रमुख विशेषताएँ
- ऊँचाई: बुर्ज खलीफा की कुल ऊँचाई 828 मीटर (2,717 फीट) है।
- मंजिलों की संख्या: इसमें 163 मंजिलें हैं।
- निर्माण समय: इसका निर्माण 2004 में शुरू हुआ और 2010 में पूरा हुआ।
- डिजाइन: इस इमारत को मशहूर आर्किटेक्ट एड्रियन स्मिथ ने डिजाइन किया है।
अन्य साझेदार और निवेशक
बुर्ज खलीफा के निर्माण में कई अंतरराष्ट्रीय निवेशकों और कंपनियों ने सहयोग किया। इसका डिजाइन Skidmore, Owings & Merrill (SOM) नामक अमेरिकी आर्किटेक्चर फर्म ने किया था। साथ ही, इसका निर्माण कार्य Samsung C&T और BESIX जैसी अंतरराष्ट्रीय कंस्ट्रक्शन कंपनियों ने संभाला।
क्या बुर्ज खलीफा को खरीदा जा सकता है?
बुर्ज खलीफा में कई फ्लैट्स और ऑफिस स्पेस व्यक्तिगत रूप से खरीदे जा सकते हैं। हालांकि, पूरी इमारत को खरीदना असंभव है क्योंकि यह कई मालिकों और निवेशकों के बीच विभाजित है।
निष्कर्ष
बुर्ज खलीफा के असली मालिक को पूरी तरह से परिभाषित करना मुश्किल है क्योंकि इसका स्वामित्व एमार प्रॉपर्टीज, दुबई सरकार, और कई अन्य निवेशकों के बीच साझा है। फिर भी, एमार प्रॉपर्टीज इस इमारत के प्रबंधन और रखरखाव का मुख्य जिम्मा संभालती है। यह इमारत केवल दुबई ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व की एक धरोहर बन चुकी है।