दोस्तों अगर आप नेटवर्क मार्केटिंग यानी की MLM का इतिहास के बारे में जानना चाहते हैं या सर्च कर रहें हैं History of Network Marketing in Hindi तो यह आर्टिकल आपके लिए है।
आज इस आर्टिकल में मैं आपको नेटवर्क मार्केटिंग के इतिहास के बारे में पूरे विस्तार से जानकारी दूंगा जिसमे आप जानेंगे की नेटवर्क मार्केटिंग की शुरुआत कब हुई थी, नेटवर्क मार्केटिंग का जन्मदाता कौन हैं, तथा दुनिया की पहली नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी कौन थी, तो दोस्तों अगर आप नेटवर्क मार्केटिंग के इतिहास के बारे में पूरी जानकारी लेना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को लास्ट तक जरुर पढें।
नेटवर्क मार्केटिंग का इतिहास (History of Network Marketing In Hindi)
दोस्तों डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस 1886 से ही शुरू हो चुका था लेकिन नेटवर्क मार्केटिंग बिजनेस मॉड्यूल 1940 में आया। Dr. Carl Rehnborg को नेटवर्क मार्केटिंग का जनक कहा जाता है।
Avon दुनिया की पहली डायरेक्ट सेलिंग कंपनी थी, यह कंपनी 1886 ईसवी में स्थापित हुई थी इसके संस्थापक David Mcconnell थे। वे पहले घर घर जाकर लोगों को किताबें बेंचा करते थे फिर धीरे धीरे परफ्यूम बेंचने लगे और Avon कंपनी का नाम बदलकर California Perfume रख दिया, हालांकि बाद में फिर से उसे Avon कर दिया गया। मैकोनेल ने बाद में और भी प्रोडक्ट के साथ मार्केट में उतरे और यह कंपनी खूब चली, इसी से प्रेरित होकर और भी कंपनिया आई जो घर घर जाकर लोगों तक सामान पहुंचाने लगी यानी डायरेक्ट सेलिंग होने लगा इसी को देखते हुए अमेरिका ने 1910 ईसवी में DSA (Direct Selling Association) लागू कर दिया जो की दुनिया में direct selling का पहली संस्था थी। यह उन सभी कंपनियों को मैनेज करता था जो सीधे रूप से ग्राहकों तक सामान बिक्री करते थे।
दोस्तों Dr. Carl Rehnborg को नेटवर्क मार्केटिंग का जनक कहा जाता है, तो चलिए थोड़ा इनके बारे में जान लेते हैं।
Rehnborg का जन्म सन् 1887 ईसवी के अमेरिका में हुआ था। और वे सन् 1915 से लेकर 1927 तक चीन में रहे उन्होंने वहां पर एक चीज देखा की चीन के लोग अपने सेवत को स्वास्थ्य रखने के लिए तरह तरह के आहारपूर्वक पदार्थों का सेवन करते थे और वे जब अमेरिका आए तो उन्होंने देखा की अमेरिका के लोग अपने सेहत के प्रति कोई ध्यान नही देते नही कोई न्यूट्रीशन युक्त पदार्थ लेते हैं। इसी को देखते हुए Rehnborg ने सन् 1935 ईसवी में अमेरिका में कैलिफोर्निया विटामिन नाम की एक कंपनी खोली और न्यूट्रीशन युक्त पदार्थ बेचने लगे। उनका यह न्यूट्रीशन पदार्थ लोगों के लिए फायदेमंद साबित हुआ और धीरे धीरे उनका बिजनेस बढ़ने लगा। जब बिजनेस अच्छा चलने लगा तो रेहनबॉर्ग ने सोंचा कंपनी का नाम थोड़ा ब्रांडेड होना चाहिए जिससे उन्होंने कैलिफोर्निया विटामिन का नाम बदलकर Nutrilite कर दिया। और धीरे धीरे यह कंपनी खूब चलने लगी, उनके product बिकने का दो कारण था पहला तो उनकी प्रोडक्ट की क्वालिटी अच्छी थी और दूसरी उनके पास बहुत डायरेक्ट सेलर्स थे जो उनके प्रोडक्ट को सीधे ग्राहकों तक पहुंचाते थे।
नेटवर्क मार्केटिंग प्लान का अविष्कार (History of Network Marketing Plan)
जब Nutrilite कंपनी के प्रोडक्ट अधिक मात्रा में सेल होने लगे और इनका एक अच्छा खासा कस्टमर बेस बन गया तो रेहनबर्ग के दिमाग में एक ख्याल आया की क्यों न कस्टमर को ही अपना सेलर बनाना चाहिए और उनकी सेल पर कुछ कमीशन दिया जाए। इस तरह उन्होंने सन् 1940 ईसवी में नेटवर्क मार्केटिंग प्लान का अविष्कार किया और जिसमे में अपने कस्टमर को ही डिस्ट्रीब्यूटर बना लिए और उनके सेल्स पर कमीशन देने लगे, पहले उन्होंने दो लेवल तक का कमीशन रखा यानी उनके कुल बिक्री पर दो प्रतिशत कमीशन मिलेगा। यह प्लान लोगों को अच्छी लगी और Nutrilite कंपनी के साथ जुड़ने लगे और कंपनी दिनों दिन ग्रोथ होने लगी क्योंकि उस समय अपने कस्टमर को कंपनी का सेलर्स बनाकर कमीशन देने वाली यह पहली कंपनी थी और उनके प्रोडक्ट की क्वालिटी अच्छी होने के वजह से उनके प्रोडक्ट भी बहुत तेजी से सेल होने लगे। इस तरह रेहनबार्ग ने एक नया प्लान का अविष्कार किया और सफलता हासिल की।
एमवे कंपनी की स्थापना (History of Amway Company)
Amway कंपनी की स्थापना सन् 1959 ईसवी में हुई थी, इसके संस्थापक दो व्यक्ति Rechard Devos और Jay van Andel थे। ये दोनो पहले Nutrilite कंपनी में डायरेक्ट सेलर्स थे उन्होंने सन् 1949 ईसवी में Nutrilite कंपनी को ज्वाइन किए थे। लेकिन धीरे धीरे Nutrilite कंपनी फिर से ट्रेडिशनल बिजनेस की तरफ जाने लगा जिससे उन्होंने Nutrilite कंपनी को छोड़ दिया लेकिन ये नेटवर्क मार्केटिंग के प्लान को समझ चुके थे की इस प्लान के साथ अच्छा पैसा कमाया जा सकता है और दोनों ने मिलकर The American Way नाम से एक नया कंपनी खोल ली जिसे आज हम Amway के नाम से जानते हैं।
Amway आज दुनिया की सबसे बड़ी नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी है, एमवे ने सन् 1972 ईसवी में Nutrilite का कुछ भाग खरीद लिया था और 1994 आते आते पूरी Nutrilite कंपनी को खरीद लिया। यह कंपनी शुरुआत के होम केयर प्रोडक्ट के साथ मार्केट में उतरी थी और आज इसके बहुत सारे ब्रांड्स है। एमवे की सफलता से इंस्पायर होकर बाद में बहुत सारी कंपनी आई और नई नई कंपनी आती जा रहीं है जो नेटवर्क मार्केटिंग के प्लान पर काम कर रहीं हैं।
भारत में नेटवर्क मार्केटिंग का इतिहास (History of Network Marketing In India in Hindi)
भारत में सबसे पहले सन् 1996 में स्वीडन की एक डायरेक्टर सेलिंग आई थी। 90 के दशक में बहुत सारी नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी भारत आई थी लेकिन सब सफल नही हो सकीं। एमवे भारत में सन् 1998 में आई थी तब उस समय भारत के लोग नेटवर्क मार्केटिंग के बारे में कुछ भी नही जानते थे। लेकिन एमवे के आने से धीरे धीरे जानने लगे की नेटवर्क मार्केटिंग क्या होता है और इससे पैसे कैसे कमाया जाता है। उस समय एमवे में ज्वाइन होने पर एक किट मिलती थी जिसकी कीमत लगभग 45k होती थी इस किट होम केयर प्रोडक्ट होते थे।
नेटवर्क मार्केटिंग में बदनामी का दौर
नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी में प्रोडक्ट महंगे होते हैं जिसके वजह से लोग इसका प्रोडक्ट इस्तेमाल नहीं करते थे जिसको देखते हुए कुछ ऐसी कंपनिया आई जो बिना प्रोडक्ट के नेटवर्क मार्केटिंग में उतरी और Mony Circulation के रूप में बिजनेस करने लगी। कोई प्रोडक्ट न होने के वजह से बहुत सारे लोग इस तरह के कंपनियों में ज्वाइन होने लगे लेकिन उनको अंदाजा नहीं था की ये कंपनिया अपना पोंजी स्कीम चला रही है और मनी सर्कुलेशन से बिजनेस चला रही है। मनी सर्कुलेशन मतलब होता है लोगों का पैसा लोगों में ही बाट देना। कुछ दिन चलने के बाद ये कंपनिया लोगों का पैसा लेकर भाग गई जैसे शारदा स्कीम और स्पीक एशिया। ऐसे बहुत सारी कंपनिया आई जो पोंजी स्कीम चलाई और लोगों का पैसा लेकर भाग गई जिसके वजह से नेटवर्क मार्केटिंग कंपनियों के ऊपर से लोगों का भरोसा टूटने लगा और लोग इसे और इसमें सफल न हो पाने के वजह से लोग इसे बदनाम करने लगे।
IDSA की स्थापना (Foundation of IDSA)
बहुत ज्यादा फ्रॉड होने के वजह से लोगों के पर से नेटवर्क मार्केटिंग का भरोसा टूटने लगा जिसको देखते हुए सभी कंपनियों ने मिलकर एक भारत में संस्था बनाई जिसे IDSA(Indian Direct Selling Association) कहा जाता है। यह उन सभी कंपनियों के लिए गाइडलाइन जारी करता है जो भारत में नेटवर्क मार्केटिंग बिजनेस कर रही है इसके कुछ रूल्स और रेगुलेशन है, जो कंपनिया इसके नियम को फॉलो नही करती है वही IDSA के अंतर्गत आती है। हाल ही IDSA ने 2016 में नेटवर्क मार्केटिंग कंपनियों के लिए एक गाइडलाइन जारी की थी जिसको बहुत सारी कंपनियां फॉलो नही करती थी जिसके वजह से उन्हें IDSA से सस्पेंड कर दिया गया।
नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी एक लीगल बिजनेस है जो अब सरकार के निगरानी में भी है हाल ही भारतीय सरकार ने दिसंबर 2021 में नेटवर्क मार्केटिंग कंपनियों के लिए एक गाइडलाइन बनाया है और जो कंपनिया इसे फॉलो नही करेगी उन्हे सस्पेंड कर दिया जाएगा।
Network Marketing History FAQ
दुनिया की पहली डायरेक्ट सेलिंग कंपनी ? (First Direct Selling Company In World)
Avon
दुनिया की पहली नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी ? (First Network Marketing Company In World)
Nutrilite
भारत की पहली नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी ? (First Network Marketing Company In India)
Amway
IDSA की स्थापना कब हुई ? (Amway Stablishment Year)
सन् 1998
नेटवर्क मार्केटिंग का जन्मदाता कौन है? (Father of Network Marketing)
Dr. Carl Rehnborg
Amway कंपनी के संस्थापक (Founder of Amway)
Jay Van Andel और Rechard Devos
एमवे भारत में कब आई (Amway Bharat Me Kab Aaya)
1998
IDSA की स्थापना किन कंपनियों ने मिलकर की ?
Amway, Avon, Oriflame
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में मैने आपको नेटवर्क मार्केटिंग के इतिहास के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दिया जिसमे आपने जाना की Network Marketing Kab Start Hui तथा दुनिया की पहली नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी कौन सी थी, दोस्तों अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे अन्य लोगों तक जरूर शेयर करें ताकी वे भी इस आर्टिकल (History of Network Marketing in Hindi) के बारे में पढ़ सकें और MLM का इतिहास के बारे में जान सकें।