दुनिया के 10 देश जिनके ऊपर है सबसे ज्यादा कर्ज

कर्ज (Debt) किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है। कई देशों पर उनके सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की तुलना में बहुत अधिक कर्ज होता है। यह कर्ज सरकार की वित्तीय नीतियों, अर्थव्यवस्था की स्थिति और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों पर निर्भर करता है। इस लेख में हम उन 10 देशों की बात करेंगे जिनके ऊपर सबसे ज्यादा कर्ज है और उनके कर्ज के आंकड़े भी साझा करेंगे।

1. जापान (Japan)

  • कुल कर्ज: $10.2 ट्रिलियन
  • GDP के मुकाबले कर्ज: 259%
    जापान दुनिया का सबसे कर्जदार देश है। यहां कर्ज का मुख्य कारण वृद्ध आबादी और आर्थिक विकास की धीमी गति है।

2. यूनान (Greece)

  • कुल कर्ज: $430 बिलियन
  • GDP के मुकाबले कर्ज: 193%
    यूनान पर यूरोजोन ऋण संकट के कारण भारी कर्ज है। सरकार ने आर्थिक सुधार के लिए कई योजनाएं चलाईं, लेकिन कर्ज का स्तर अब भी अधिक है।

3. इटली (Italy)

  • कुल कर्ज: $2.9 ट्रिलियन
  • GDP के मुकाबले कर्ज: 144%
    इटली में बढ़ता सामाजिक खर्च और घटता आर्थिक विकास, भारी कर्ज का कारण है।

4. पुर्तगाल (Portugal)

  • कुल कर्ज: $300 बिलियन
  • GDP के मुकाबले कर्ज: 120%
    पुर्तगाल पर आर्थिक सुधार और वैश्विक मंदी का असर पड़ा है, जिससे कर्ज बढ़ा।

5. अमेरिका (United States)

  • कुल कर्ज: $33 ट्रिलियन
  • GDP के मुकाबले कर्ज: 123%
    अमेरिका का कर्ज, उसकी विशाल अर्थव्यवस्था और लगातार बढ़ते सरकारी खर्च के कारण बढ़ रहा है।

6. फ्रांस (France)

  • कुल कर्ज: $3.9 ट्रिलियन
  • GDP के मुकाबले कर्ज: 112%
    फ्रांस में पेंशन और स्वास्थ्य सेवाओं पर अधिक खर्च के कारण कर्ज बढ़ा है।

7. स्पेन (Spain)

  • कुल कर्ज: $1.7 ट्रिलियन
  • GDP के मुकाबले कर्ज: 111%
    स्पेन में आर्थिक संकट और बेरोजगारी ने कर्ज बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाई।

8. ब्रिटेन (United Kingdom)

  • कुल कर्ज: $3.1 ट्रिलियन
  • GDP के मुकाबले कर्ज: 101%
    ब्रेक्जिट और कोविड-19 महामारी के बाद से ब्रिटेन के कर्ज में तेज़ी से वृद्धि हुई।

9. कनाडा (Canada)

  • कुल कर्ज: $2.4 ट्रिलियन
  • GDP के मुकाबले कर्ज: 100%
    कनाडा में कोविड-19 महामारी के दौरान सरकारी खर्च में वृद्धि के कारण कर्ज बढ़ा।

10. सिंगापुर (Singapore)

  • कुल कर्ज: $812 बिलियन
  • GDP के मुकाबले कर्ज: 100%
    सिंगापुर का कर्ज मुख्य रूप से निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के लिए है।

कर्ज के प्रभाव

इन देशों के ऊपर अधिक कर्ज होने का सीधा असर उनकी अर्थव्यवस्था और जनता पर पड़ता है।

  1. ब्याज भुगतान: अधिक कर्ज का मतलब है कि सरकार को ब्याज चुकाने में अधिक खर्च करना पड़ता है।
  2. विकास में बाधा: कर्ज का स्तर बढ़ने से नई परियोजनाओं और सामाजिक कल्याण योजनाओं पर असर पड़ता है।
  3. आर्थिक अस्थिरता: अधिक कर्ज से देश की अर्थव्यवस्था कमजोर हो सकती है।

समाधान

इन देशों को कर्ज कम करने के लिए कठोर आर्थिक सुधारों और वित्तीय अनुशासन की आवश्यकता है।

  1. राजस्व बढ़ाना: टैक्स सुधारों और निवेश को बढ़ावा देकर सरकारें राजस्व बढ़ा सकती हैं।
  2. खर्च में कटौती: गैर-जरूरी सरकारी खर्च में कटौती करना महत्वपूर्ण है।
  3. लंबी अवधि की योजनाएं: दीर्घकालिक आर्थिक योजनाएं बनाना और वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देना।

निष्कर्ष

जिन देशों पर सबसे ज्यादा कर्ज है, उन्हें अपनी अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाने के लिए सतर्कता से काम करना होगा। कर्ज आर्थिक विकास के लिए जरूरी है, लेकिन इसकी अधिकता देश की आर्थिक स्थिरता को खतरे में डाल सकती है।