मुस्लिम समुदाय में खतना: कारण, इतिहास और धार्मिक मान्यता

खतना, जिसे अंग्रेजी में “Circumcision” कहा जाता है, एक प्राचीन प्रथा है जो मुस्लिम समुदाय में धार्मिक, सांस्कृतिक और स्वच्छता से जुड़ी मान्यताओं के आधार पर की जाती है। यह प्रक्रिया मुख्यतः पुरुष बच्चों पर की जाती है, जबकि कुछ स्थानों पर महिलाओं में भी इससे जुड़ी परंपराएं देखी गई हैं। इस लेख में, हम खतना के धार्मिक, सामाजिक और ऐतिहासिक कारणों को विस्तार से समझने की कोशिश करेंगे।

1. खतना का अर्थ और प्रक्रिया

खतना का अर्थ है पुरुषों के लिंग (पेनिस) की अग्रचर्म (फोरस्किन) को काटकर हटा देना। यह प्रक्रिया सामान्यतः बच्चों के जन्म के कुछ दिनों या वर्षों के भीतर की जाती है। कुछ स्थानों पर इसे शारीरिक स्वास्थ्य और स्वच्छता से जोड़ा जाता है, जबकि मुस्लिम समुदाय में यह धार्मिक परंपरा का हिस्सा है।

2. खतना का धार्मिक महत्व

खतना का उल्लेख इस्लाम के धार्मिक ग्रंथों और परंपराओं में मिलता है। इसे एक महत्वपूर्ण धार्मिक कर्तव्य माना जाता है।

  • पैगंबर इब्राहिम (अलैहिस्सलाम): इस्लामी मान्यताओं के अनुसार, खतना की प्रथा पैगंबर इब्राहिम से शुरू हुई थी। उन्होंने खुद ईश्वर के आदेश पर अपना खतना किया और इसे अपने वंशजों के लिए अनिवार्य बताया।
  • पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम): इस्लामी शिक्षाओं में पैगंबर मुहम्मद ने भी खतना की परंपरा को जारी रखा और इसे सुन्नत (पैगंबर का तरीका) के रूप में अपनाया।
  • क़ुरान में उल्लेख: हालांकि, खतना का सीधा उल्लेख क़ुरान में नहीं है, लेकिन यह हदीस (पैगंबर के कथन और कर्म) और इस्लामी परंपराओं का हिस्सा है।

3. स्वच्छता और स्वास्थ्य लाभ

मुस्लिम समुदाय में खतना को स्वास्थ्य और स्वच्छता के साथ भी जोड़ा गया है।

  • संक्रमण से बचाव: खतना से फोरस्किन के नीचे गंदगी और बैक्टीरिया जमा होने का खतरा कम हो जाता है, जिससे संक्रमण की संभावना घटती है।
  • स्वच्छता का पालन: इस्लाम में स्वच्छता को आधा ईमान (धर्म) कहा गया है। खतना इस सिद्धांत को व्यावहारिक रूप से लागू करने का एक माध्यम है।
  • गंभीर बीमारियों से बचाव: वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, खतना कुछ बीमारियों जैसे मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI), HIV और अन्य यौन संचारित रोगों (STDs) से बचाव में सहायक हो सकता है।

4. सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व

मुस्लिम समाज में खतना को केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक परंपराओं से भी जोड़ा गया है।

  • पहचान का प्रतीक: खतना को मुस्लिम समुदाय की एक धार्मिक पहचान के रूप में देखा जाता है। यह व्यक्ति के इस्लामिक आस्था का प्रतीक है।
  • पारिवारिक परंपरा: अधिकांश मुस्लिम परिवार खतना को एक पारंपरिक अनुष्ठान मानते हैं और इसे बड़े समारोह के साथ मनाते हैं।
  • आध्यात्मिक शुद्धता: खतना को एक बच्चे के जीवन में आध्यात्मिक शुद्धता लाने की प्रक्रिया माना जाता है।

5. महिलाओं में खतना (FGM)

हालांकि, महिलाओं में खतना (Female Genital Mutilation – FGM) एक अलग मुद्दा है और इसे ज्यादातर मुस्लिम देशों में धार्मिक परंपरा के रूप में नहीं बल्कि सांस्कृतिक प्रथा के रूप में देखा जाता है।

  • इस्लाम में विवाद: इस्लामी विद्वानों के बीच महिलाओं में खतना को लेकर काफी मतभेद हैं। इसे धार्मिक रूप से अनिवार्य नहीं माना गया है।
  • FGM पर प्रतिबंध: अधिकांश देशों ने महिलाओं में खतना को अवैध घोषित कर दिया है क्योंकि यह महिलाओं के स्वास्थ्य और अधिकारों का उल्लंघन करता है।

6. खतना के विरोध में विचार

हालांकि खतना को धार्मिक और स्वास्थ्य लाभों के आधार पर समर्थन मिलता है, इसके विरोध में भी कई तर्क दिए जाते हैं।

  • शारीरिक अधिकार: कई लोग मानते हैं कि बच्चों पर खतना करने से उनके शरीर पर स्वायत्तता (बॉडी ऑटोनॉमी) का उल्लंघन होता है।
  • विज्ञान आधारित विवाद: कुछ शोध बताते हैं कि खतना के संभावित लाभों को स्वच्छता और आधुनिक चिकित्सा के जरिए भी प्राप्त किया जा सकता है।
  • धार्मिक अनिवार्यता पर सवाल: कुछ मुस्लिम विद्वानों का मानना है कि खतना धार्मिक दृष्टि से अनिवार्य नहीं है और यह केवल सांस्कृतिक परंपरा है।

7. आधुनिक परिप्रेक्ष्य

आज के समय में खतना को लेकर मुस्लिम समाज में विविध दृष्टिकोण देखने को मिलते हैं।

  • शहरी क्षेत्रों में परिवर्तन: आधुनिक मुस्लिम परिवारों में खतना के प्रति थोड़ा उदार दृष्टिकोण देखा जाता है।
  • चिकित्सीय सुविधा: अब यह प्रक्रिया प्रशिक्षित डॉक्टरों द्वारा की जाती है, जो इसे अधिक सुरक्षित बनाती है।
  • धार्मिक और वैज्ञानिक संतुलन: कुछ मुस्लिम परिवार इसे धार्मिक और स्वास्थ्य कारणों के संयोजन के रूप में अपनाते हैं।

निष्कर्ष

मुस्लिम समुदाय में खतना धार्मिक, सांस्कृतिक और स्वास्थ्य कारणों से की जाने वाली एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। हालांकि इसके समर्थन और विरोध दोनों ही दृष्टिकोण मौजूद हैं, लेकिन अधिकांश मुस्लिम परिवार इसे एक धार्मिक परंपरा और सामाजिक पहचान के रूप में मानते हैं। खतना के पीछे का मुख्य उद्देश्य स्वच्छता, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक शुद्धता का पालन करना है।

यह प्रथा सदियों पुरानी है और आज भी इसे मुस्लिम समाज में गहराई से अपनाया जाता है। इसे समझने के लिए केवल धार्मिक दृष्टिकोण ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक संदर्भ को भी ध्यान में रखना आवश्यक है।