यहूदी धर्म, जिसे यहूदी परंपरा में “याहदुत” कहा जाता है, दुनिया के सबसे पुराने एकेश्वरवादी धर्मों में से एक है। यह धर्म लगभग 4000 साल पुराना है और इसके अनुयायी ‘यहूदी’ कहलाते हैं। यहूदी धर्म के मूल सिद्धांतों में एक ईश्वर में विश्वास और उनकी आराधना करना शामिल है।
यहूदी धर्म में भगवान का स्वरूप
यहूदी धर्म के लोग केवल एक ईश्वर को मानते हैं, जिसे हिब्रू भाषा में “याहवे” (Yahweh) कहा जाता है। याहवे को सर्वोच्च शक्ति, सृष्टिकर्ता और संपूर्ण ब्रह्मांड का पालनहार माना जाता है। यहूदी धर्म में ईश्वर को कोई मानव रूप नहीं दिया गया है और उसे अदृश्य, सर्वशक्तिमान और सर्वज्ञ माना गया है।
ईश्वर के नाम और उनकी विशेषताएँ
यहूदी धर्म में ईश्वर के कई नाम और उपाधियाँ हैं, जैसे:
- याहवे (Yahweh): यह यहूदी धर्म का सबसे पवित्र नाम है।
- एलोहिम (Elohim): इसका अर्थ है ‘सर्वशक्तिमान ईश्वर।’
- अडोनाय (Adonai): इसका अर्थ है ‘मेरा प्रभु।’
- शद्दाई (Shaddai): जिसका अर्थ है ‘सर्वशक्तिमान।’
- एल एलियोन (El Elyon): इसका अर्थ है ‘सर्वोच्च ईश्वर।’
यह नाम यहूदियों की ईश्वर के प्रति गहरी आस्था और सम्मान को दर्शाते हैं।
यहूदी धर्म में ईश्वर की आराधना
यहूदी धर्म में ईश्वर की आराधना के लिए तोरा (Torah) को मार्गदर्शक माना जाता है। तोरा यहूदियों का पवित्र ग्रंथ है, जिसमें ईश्वर की शिक्षाएँ और उनके आदेश लिखे हुए हैं। यहूदी मानते हैं कि याहवे ने पैगंबर मूसा (Moses) को सिनाई पर्वत पर दस आज्ञाएँ (Ten Commandments) दी थीं, जो यहूदी धर्म का आधार हैं।
याहवे का महत्व
- एकेश्वरवाद का सिद्धांत: यहूदी धर्म में केवल एक ईश्वर की पूजा होती है। अन्य देवताओं की उपासना करना या उनकी मान्यता रखना यहूदी धर्म में वर्जित है।
- ईश्वर और मानव का संबंध: यहूदी मानते हैं कि ईश्वर उनके पिता और मार्गदर्शक हैं। वे अपने अनुयायियों से प्रेम और न्याय की अपेक्षा करते हैं।
- पवित्रता और नैतिकता: ईश्वर को प्रेम, करुणा और न्याय का प्रतीक माना जाता है। उनके आदेशों का पालन करना यहूदियों का धर्म है।
यहूदी धर्म और अन्य धर्मों से समानता
यहूदी धर्म का ईश्वर का स्वरूप ईसाई और इस्लाम धर्म से मिलता-जुलता है। ईसाई धर्म में भी यहूदी ईश्वर याहवे को मान्यता दी गई है। इसी प्रकार, इस्लाम धर्म में अल्लाह को सर्वोच्च और एकमात्र ईश्वर माना जाता है।
यहूदी धर्म में मूर्तिपूजा निषेध
यहूदी धर्म में मूर्तिपूजा पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। उनका मानना है कि ईश्वर को किसी भी मूर्ति या भौतिक स्वरूप में बांधना गलत है। ईश्वर केवल एक है, जो अदृश्य है और हर जगह मौजूद है।
उपसंहार
यहूदी धर्म के लोग केवल एक ईश्वर याहवे में विश्वास करते हैं, जिसे वे अद्वितीय, सर्वशक्तिमान और सर्वोच्च मानते हैं। यह धर्म न केवल धार्मिक परंपराओं का पालन करता है बल्कि नैतिकता, न्याय और मानवता की शिक्षा भी देता है। याहवे में उनकी आस्था और प्रेम उनके धार्मिक जीवन का केंद्र है।