योगी आदित्यनाथ भारतीय राजनीति के उन प्रमुख चेहरों में से एक हैं जिन्होंने न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में अपनी प्रभावशाली छवि बनाई है। उनका जीवन त्याग, समर्पण, और समाजसेवा का एक अनूठा उदाहरण है। आइए उनके जीवन की इस प्रेरणादायक यात्रा को विस्तार से जानते हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के पंचूर गांव में हुआ। उनका असली नाम अजय सिंह बिष्ट है। वे एक साधारण गढ़वाली परिवार से आते हैं। उनके पिता आनंद सिंह बिष्ट एक फॉरेस्ट रेंजर थे, और माता सावित्री देवी एक गृहिणी थीं। परिवार में सात भाई-बहनों में से अजय सिंह बिष्ट पांचवें स्थान पर थे।
शिक्षा के प्रति उनकी रुचि बचपन से ही स्पष्ट थी। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल से पूरी की और उसके बाद हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में स्नातक किया। इस दौरान वे सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहे।
साधु जीवन की ओर रुझान
युवावस्था में, अजय सिंह बिष्ट का झुकाव आध्यात्मिकता की ओर बढ़ा। 1993 में उन्होंने गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ से प्रेरणा ली। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने सांसारिक जीवन छोड़कर संन्यास लेने का फैसला किया। महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें दीक्षा दी और उनका नाम “योगी आदित्यनाथ” रखा।
योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर के महंत बने और युवा अवस्था में ही अपने अनुशासन और नेतृत्व कौशल के कारण प्रसिद्ध हो गए। उन्होंने अपने गुरु की विरासत को आगे बढ़ाया और गोरखनाथ मंदिर को केवल एक धार्मिक केंद्र तक सीमित न रखते हुए इसे समाजसेवा का केंद्र बना दिया।
राजनीतिक करियर की शुरुआत
योगी आदित्यनाथ ने 1998 में मात्र 26 वर्ष की आयु में पहली बार राजनीति में कदम रखा। वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर गोरखपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और जीते। इसके बाद उन्होंने लगातार 1999, 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में गोरखपुर से जीत दर्ज की।
राजनीति में उनके शुरुआती कदमों से ही यह स्पष्ट हो गया था कि वे केवल जनप्रतिनिधि नहीं, बल्कि जनता के लिए समर्पित नेता हैं। वे अपने क्षेत्र में सड़क निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान देते थे।
गोरक्षपीठ का प्रभाव
गोरखनाथ मंदिर के महंत होने के नाते, योगी आदित्यनाथ ने न केवल धार्मिक कार्यों को बढ़ावा दिया बल्कि सामाजिक सुधारों पर भी जोर दिया। उन्होंने “हिंदू युवा वाहिनी” नामक संगठन की स्थापना की, जो सामाजिक मुद्दों पर काम करती है। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य युवाओं को जोड़कर समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करना था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में
2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला। 19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने राज्य में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए।
उनकी सरकार ने कानून-व्यवस्था को सुधारने, भ्रष्टाचार को कम करने, और विकास परियोजनाओं को गति देने के लिए कई कदम उठाए। “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” में उत्तर प्रदेश को अग्रणी राज्यों में लाने का श्रेय योगी सरकार को दिया जाता है।
प्रमुख उपलब्धियां और योजनाएं
- कानून-व्यवस्था में सुधार:
मुख्यमंत्री बनने के बाद, योगी आदित्यनाथ ने राज्य में अपराध को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाए। पुलिस तंत्र को सुधारने के लिए उन्होंने कई नई योजनाओं की शुरुआत की। - विकास परियोजनाएं:
योगी सरकार ने एक्सप्रेसवे निर्माण, मेट्रो परियोजनाएं, और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर विशेष ध्यान दिया। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाएं राज्य को आर्थिक दृष्टि से सशक्त बनाने में सहायक हैं। - महिला सशक्तिकरण:
महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए उन्होंने “मिशन शक्ति” अभियान शुरू किया। इस अभियान के तहत महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा, और स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित किया गया। - धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा:
योगी सरकार ने वाराणसी, अयोध्या, और मथुरा जैसे धार्मिक स्थलों के विकास पर जोर दिया। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया को तेज करने का श्रेय भी योगी सरकार को दिया जाता है। - कृषि और ग्रामीण विकास:
किसानों की आय को दोगुना करने के उद्देश्य से कई योजनाएं शुरू की गईं। इसके साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली, पानी, और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं को मजबूत किया गया।
व्यक्तित्व और विचारधारा
योगी आदित्यनाथ का जीवन सादगी और अनुशासन का प्रतीक है। वे प्राचीन भारतीय संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने में विश्वास रखते हैं। उनके भाषण और कार्यशैली में स्पष्टता और दृढ़ता झलकती है।
उनकी हिंदुत्ववादी विचारधारा को लेकर कई बार विवाद भी हुआ, लेकिन उन्होंने हमेशा इसे सामाजिक और राष्ट्रीय एकता के लिए आवश्यक बताया।
विवाद और आलोचनाएं
योगी आदित्यनाथ का राजनीतिक जीवन विवादों से अछूता नहीं रहा। उनकी हिंदुत्ववादी छवि और कई विवादास्पद बयान अक्सर चर्चा में रहे। हालांकि, उन्होंने हमेशा अपने काम और नीतियों के माध्यम से आलोचनाओं का जवाब दिया।
निजी जीवन
संन्यासी होने के कारण योगी आदित्यनाथ ने वैवाहिक जीवन से दूरी बनाई है। वे अपने समय का अधिकांश हिस्सा धार्मिक और सामाजिक कार्यों में बिताते हैं। उनकी दिनचर्या अनुशासित है, और वे योग और ध्यान को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा मानते हैं।
समाप्ति
योगी आदित्यनाथ का जीवन संघर्ष, सेवा, और समर्पण का अद्वितीय उदाहरण है। उन्होंने न केवल राजनीति बल्कि आध्यात्मिक और सामाजिक क्षेत्रों में भी अपनी अमिट छाप छोड़ी है। उनकी नेतृत्व क्षमता और दूरदर्शिता ने उत्तर प्रदेश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद की है।
उनका जीवन संदेश देता है कि सच्चे मन से किया गया प्रयास व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफल बना सकता है। योगी आदित्यनाथ आज भी देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं।