दोस्तों अगर आप जानना चाहते हैं MLM Kya Hai तो यह आर्टिकल आपके लिए है। इस आर्टिकल में मैं आपको एमएलएम के बारे में पूरी जानकारी देने वाला हूं की एमएलएम क्या होता है, यह काम कैसे करता है, क्या यह बिजनेस भारत में लीगल है या इल्लीगल, इसके लिए क्या गाइडलाइंस हैं, आपको यह बिजनेस करना चाहिए या नही, एमएलएम के क्या क्या फायदे व नुकसान हैं इत्यादि। मैं दावा करता हूं इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद आपको एमएलएम के बारे में जानने के लिए और कहीं भी जाने की जरूरत नही पड़ेगी, इस आर्टिकल में आपको एमएलएम से जुड़ी हर एक जानकारी मिल जाएगी तो चलिए दोस्तों अब बिना देरी सीधे टॉपिक पे आते हैं और जानते हैं एमएलएम क्या है के बारे में।
MLM क्या है?
एमएलएम एक ऐसा बिजनेस मॉडल है जिसमे एक कंपनी स्वतंत्र वितरकों के नेटवर्क के माध्यम से सीधे उपभोक्ताओं को उत्पाद बेचती है, जो अपनी बिक्री और उनके भर्ती किए गए सदस्यों (निचले स्तर) द्वारा की गई बिक्री के आधार पर कमीशन कमाते हैं। एमएलएम को कई नामों से जाना जाता है जैसे की डायरेक्ट सेलिंग, नेटवर्क मार्केटिंग, रेफरल मार्केटिंग इत्यादि।
MLM काम कैसे करता है?
एमएलएम के प्रोसेस को समझने के लिए सबसे पहले आपको ट्रेडिशनल बिजनेस को समझना होगा तो चलिए सबसे पहले ट्रेडिशनल बिजनेस के प्रोसेस को समझ लेते हैं।
ट्रेडिशनल बिजनेस मॉडल
मान लीजिए आपको पतंजलि का एक साबुन चाहिए तो आप किसके पास जाएंगे? दुकानदार (Retailer) के पास, और दुकानदार वह साबुन कहां से लाएगा? Wholesaler के पास से, Wholesaler वह साबुन कहां से लाएगा? Distributor के पास से, और Distributor वह साबुन पतंजलि कंपनी के Manufacturer यानी फैक्टरी से लाएगा।
अच्छा इससे पहले आपको पतंजलि साबुन के बारे में पता कैसे चला था? कहीं न कहीं टीवी पर आप इसके एडवरटाइजमेंट देखें होंगे और यह एडवरटाइजमेंट कोई सेलिब्रिटी या बड़े लोग करते हैं जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग उस प्रोडक्ट के बारे में जान सकें।
इस पूरे प्रोसेस में मान लीजिए आपने वह साबुन दुकानदार से 10rs में लिए, लेकिन दुकानदार Wholesaler से उसे 9rs में लाया होगा, और Wholesaler उसे Distributor से 8rs में लाया होगा, तथा Distributor उसे कंपनी के Manufacturer से 7rs में लाया होगा।
यानी की अगर पतंजलि कंपनी उस साबुन को 2rs में बनाया होगा तो वह ग्राहकों तक पहुंचते पहुंचते 10rs का हो गया जिसमें से 3rs. Retailer, Wholesaler और Distributor में बंट गया। और कंपनी को सिर्फ 5rs. का प्रॉफिट हुआ, और इसमें से आधा पैसा एडवरटाइजमेंट में लग जाता है।
दोस्तों यहां पे मैंने सिर्फ एक 10rs. का पतंजलि साबुन का उदाहरण लेकर बताया है बाकी सभी ट्रेडिशनल बिजनेस में ठीक इसी तरह से प्रोडक्ट की सेल होती है जिसमें 90% पैसा थर्ड पार्टी में बंट जाता है और सिर्फ 10% ही कंपनी को उस प्रोडक्ट का प्रॉफिट मिलता है।
तो आंखिर ऐसा क्या किया जाए जिससे थर्ड पार्टी में पैसा खर्च न हो और कंपनी पूरा प्रॉफिट ले सके? इसके लिए बनाया गया है डायरेक्ट सेलिंग सिस्टम जिसे एमएलएम मॉडल भी कहा जाता है, तो चलिए अब जान लेते हैं की एमएलएम कैसे काम करता है।
MLM बिजनेस मॉडल
एमएलएम मॉडल में ना किसी थर्ड पार्टी की जरूरत पड़ती है और ना ही एडवरटाइजमेंट की इसमें कंपनी सीधे ग्राहकों तक प्रोडक्ट को पहुंचाती है और यह बीच का काम सिर्फ डिस्ट्रीब्यूटर का होता है जो कंपनी के प्रोडक्ट को लोगों तक पहुंचाता है और अन्य लोगों को भी अपने साथ जोड़ता है ताकि वे भी अन्य लोगों तक कंपनी के प्रोडक्ट को सेल कर सकें और कंपनी से प्रॉफिट कमा सकें। क्योंकि एमएलएम में कम्पनियां प्रोडक्ट की एडवरटाइजमेंट नहीं कराती और उससे जो पैसा बचता है उसे डिस्ट्रीब्यूटर में बांट दिया जाता है जिससे आधा प्रॉफिट डिस्ट्रीब्यूटर को मिलता है और आधा प्रॉफिट कंपनी रखती है इस प्रकार कंपनियां एमएलएम बिजनेस में ट्रेडिशनल बिजनेस से ज्यादा प्रॉफिट कमा लेती हैं और डिस्ट्रीब्यूटर को भी फायदा है।
MLM बिजनेस का उद्देश्य
एमएलएम का मुख्य उद्देश्य होता है ज्यादा से ज्यादा डिस्ट्रीब्यूटर बनाना है जिससे ज्यादा से ज्यादा कंपनी का प्रोडक्ट सेल हो सके। मान लीजिए आप बाजार से कोई सामान लाते हैं और उसके बारे में आप अपने दोस्तों को भी बताते हैं जिससे वह भी बाजार से वह सामान ले आता है लेकिन क्या बताने का आपको पैसा मिलता है? नही, लेकिन एमएलएम में मिलता है, एमएलएम में ठीक यही करना होता है सबसे पहले आप कंपनी से जुड़कर सामान लेते हैं फिर अन्य लोगों को भी बताना होता है जिससे वे भी कंपनी का सामान लेते हैं और आपके साथ जुड़ जाते हैं। इस प्रकार कंपनी में डिस्ट्रीब्यूटर बनते जाते हैं और प्रोडक्ट की सेल होती जाती है। लेकिन इसकी सबसे खास बात ये है की आपके साथ जितने भी लोग जुड़ेंगे उन सभी की बिक्री या खरीद पर आपको कमीशन मिलता है जिससे एक टाइम के बाद में जब आपके साथ बहुत लोग जुड़ चुके होते हैं तो आपको बिना कुछ किए ही कंपनी से पैसे मिलते रहते हैं क्योंकि वे लोग भी अपने साथ अन्य लोगों को जोड़ते जाते हैं। यहां पर कहने का तात्पर्य यह है की एमएलएम कांसेप्ट का मुख्य उद्देश्य है कंपनी के प्रोडक्ट को बिना किसी थर्ड पार्टी के सीधे ग्राहकों तक सेल करना जिससे एमएलएम कंपनी और उसके वितरक ट्रेडिशनल बिजनेस के मुकाबले में अधिक मुनाफा कमा सकें।
MLM बिजनेस के फायदे
1.कम लागत से शुरुआत
एमएलएम बिजनेस को आप बहुत ही कम पैसों से शुरू कर सकते है अगर आप कोई अन्य बिजनेस करेंगे या एक छोटा सा चाय का दुकान भी खोलेंगे तो उसमे भी आपको कम से कम 10-12 हजार रुपए लग जाएंगे। लेकिन एमएलएम को आप इससे भी कम पैसों से शुरू कर सकते हैं।
2.खुला व्यवसाय
इस बिजनेस को आप सिर्फ अपने राज्य या देश तक ही नही बल्कि अन्य देशों में भी अपना बिजनेस बढ़ा सकता है इसमें कोई पाबंदी नहीं होती।
3.एक्सपोनेंशियल ग्रोथ
अगर आप कोई नौकरी या अन्य बिजनेस करते हैं तो उसमें आपकी बहुत धीरे धीरे विकास होती है लेकिन एमएलएम में एक्सपोनेंशियल ग्रोथ देखने को मिलता है क्योंकि इसमें काम ही होता है लोगों को अपने साथ जोड़ना यानी जब आप किसी को अपने साथ जोड़ते है तो फिर वे भी अन्य लोगों को अपने साथ जोड़ते हैं और वे लोग भी अन्य लोगों को जोड़ते हैं इस तरह आपकी ग्रोथ Multiply होता रहता है।
4.समय की आजादी
इस बिजनेस में आपके पास टाइम फ्रीडम होता है यानी आपको कहीं भी रोज रोज ऑफिस जाने की जरूरत नही है आप अपने अनुसार टाइम निकालकर काम कर सकते हैं।
5.पर्सनल डेवलपमेंट
डायरेक्ट सेलिंग में आपको फ्री में Skill Development की ट्रेनिंग दी जाती है जिसे आप प्रैक्टिकल रुप से भी करते हैं जिससे आपकी पर्सनल डेवलपमेंट होता है।
6.महंगाई मुफ्त
डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस एक ऐसा बिजनेस है जिसमे महंगाई का कोई असर नहीं होता और यह बिजनेस उसी गति से चलता रहता है।
7.कोई पाबंदी नहीं
डायरेक्ट सेलिंग में बतौर डिस्ट्रीब्यूटर कोई भी व्यक्ति जुड़ सकता है इसमें आपकी उम्र, क्वालिफिकेशन, धर्म, जाति या आरक्षण मायने नहीं रखता। और यही इस बिजनेस को सबसे खास बनाता है।
MLM बिजनेस के नुकसान
1.कोई फिक्स सैलरी नही मिलता
एमएलएम में कोई भी फिक्स सैलरी नही मिलता क्योंकि यह एक बिजनेस मॉडल है जिसमे लोगों को रिक्रूट करने और प्रोडक्ट सेल करने पर कमीशन मिलता है इसलिए यदि आप इससे हर महीने पैसे कमाना चाहते हैं तो आपको हर हाल में लोगों को अपने साथ जोड़ना होगा और उनसे प्रोडक्ट सेल करना होगा जिससे आपको कमीशन मिलेगा।
2.लोगों को ज्वाइन कराने की टेंशन
एमएलएम में लोगों को अपने साथ ज्वाइन कराना अनिवार्य होता है क्योंकि ज्वाइन कराने और उनसे प्रोडक्ट खरीदवाने से ही पैसा मिलता है और यही एक टेंशन बनी रहती है की अगर आप किसी को ज्वाइन नहीं करा पाएंगे तो इससे आप पैसे भी नहीं कमा पाएंगे।
3.नेटवर्किंग स्किल के बिना यह बिजनेस नहीं कर सकते
एमएलएम एक नेटवर्किंग बिजनेस हैं जिसमे आपको लोगों के साथ नेटवर्किंग करना होता है लेकिन आप ये तभी कर पाएंगे जब आपके अंदर नेटवर्किंग की अच्छी स्किल होगी जैसे की नेम लिस्ट बनाना, इन्विटेशन करना, प्लान दिखाना, फॉलो अप करना इत्यादि।
4.प्रोडक्ट महंगे होते हैं
एमएलएम कंपनियों का प्रोडक्ट बहुत महंगा होता है यानी की जो प्रोडक्ट आप मार्केट से सस्ते दामों में खरीद सकते हैं वही प्रोडक्ट आपको एमएलएम कंपनी से महंगे दामों में खरीदना होगा जो की आपके लिए एक घाटे का सौदा हो सकता है।
5.प्रोडक्ट क्वालिटी कोई खास नहीं होती
ज्यादातर एमएलएम कंपनियों की प्रोडक्ट क्वालिटी कोई खास नहीं होती, बहुत कम कंपनियां ही होती है जिनके पास अच्छे प्रोडक्ट मौजूद होते हैं लेकिन वे भी बहुत महंगे होते हैं।
क्या MLM भारत में लीगल है?
मल्टी लेवल मार्केटिंग भारत में लीगल है हालांकि, भारत सरकार ने एमएलएम बिजनेस में उपभोक्ताओं की सुरक्षा और धोखाधड़ी प्रथाओं को रोकने के लिए कुछ नियम और गाइडलाइंस बनाए हैं। सरकार 1978 के प्राइज चिट्स एंड मनी सर्कुलेशन स्कीम्स (बैनिंग) एक्ट के तहत एमएलएम व्यवसायों को नियंत्रित करती है, जो मल्टी लेवल मार्केटिंग को मनी सर्कुलेशन स्कीम के रूप में परिभाषित करता है और धोखाधड़ी को रोकने के लिए ऐसी योजनाओं पर प्रतिबंध लगाता है।
एमएलएम कंपनियों को भारत में लीगल रूप से काम करने के लिए रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी डायरेक्ट सेलिंग गाइडलाइन का पालन करना होगा। गाइडलाइन में कंपनियों के लिए अपने प्रोफाइल, प्रोडक्ट, प्लान और रिफंड पॉलिसी के बारे में जानकारी का खुलासा करने की आवश्यकताएं शामिल हैं।
इसके अलावा, भारत में एमएलएम कंपनियों को कुछ नियमों और विनियमों का पालन करना होगा जैसे की यदि कोई एमएलएम कंपनी में ज्वाइन करता है तो उससे ज्वाइनिंग के नाम पर कोई भी ज्वाइनिंग फीस नहीं लेना है और सिर्फ प्रोडक्ट खरीदने पर ही ज्वाइनिंग होना चाहिए, इसके अलावा किसी को भी अधिक प्रोडक्ट खरीदने के लिए दबाव नही डालना है, शोषण को रोकने और व्यवसाय में निष्पक्षता सुनिश्चित करना इत्यादि।
संक्षेप में कहें तो एमएलएम बिजनेस भारत में लीगल है, लेकिन एमएलएम कंपनियों को उपभोक्ताओं की सुरक्षा और धोखाधड़ी प्रथाओं को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा जारी डायरेक्ट सेलिंग गाइडलाइन का पालन करना होगा।
एक अच्छी MLM Company की पहचान कैसे करें?
वैसे तो भारत में बहुत सारी एमएलएम कंपनियां हैं लेकिन यदि आप एक अच्छी और Best MLM Company की पहचान करना चाहते हैं तो इस तरह से करें –
1.रिसर्च करें
एक बेस्ट एमएलएम कंपनी का पता लगाने के लिए आपको कई सारी एमएलएम कंपनियों को रिसर्च करना होगा, उनके बारे में जानना होगा और इसके लिए आप उनके वेबसाइट से जानकारी ले सकते हैं, उनकी सोशल मीडिया प्रोफाइल चेक कर सकते हैं, सोशल मीडिया में उन कंपनियों की Review देख सकते हैं की लोग उस कंपनी के बारे में क्या बोल रहें हैं, क्या लोग उस कंपनी के बारे में अच्छा बोल रहें हैं या बुरा, इस तरह से आप कई एमएलएम कंपनियों की रिसर्च कर सकते हैं।
2.कंपनी की Reputation के बारे में जानें
कंपनी की Reputation को जानना बहुत जरूरी है इसके लिए आप ऑनलाइन या ऑफलाइन उस कंपनी का फीडबैक देखें, रिव्यू देखें, जो लोग उस कंपनी में काम कर चुके हैं या कर रहें हैं उनसे उनकी राय जानें की कंपनी अच्छा है बुरा।
3.प्रोडक्ट के बारे में जानें
एमएलएम कंपनी की प्रोडक्ट के बारे में जानें की उस कंपनी कंपनी का प्रोडक्ट कैसा है, उसकी क्वालिटी कैसा है, मार्केट में उस प्रोडक्ट की क्या डिमांड है, क्या आप उस प्रोडक्ट को सेल पाएंगे या नहीं, वह प्रोडक्ट आपके लिए उपयोगी या नही इत्यादि।
4.बिजनेस प्लान
उस कंपनी की बिजनेस प्लान के बारे में जानें की उसका बिजनेस प्लान किस तरह का है, कहीं वह मनी सर्कुलेशन वाली स्कीम तो नही है या कोई पुरामिड स्कीम तो नही है। यह ध्यान रखें की उस कंपनी का प्लान बिल्कुल क्लियर होना चाहिए यानी की लोगों को समझ आना चाहिए की इनकम किस तरह से मिल रहा है, कौन कौन से लेवल हैं और कौनसे लेवल पर कितने % के हिसाब से इनकम मिल रहा है, और यह क्लियर होना चाहिए की सिर्फ प्रोडक्ट की बिक्री होने पर ही कमीशन दिया जा रहा हो ना की ज्वाइनिंग के आधार पर।
5.ट्रेनिंग और सपोर्ट
वह कंपनी अपने डिस्ट्रीब्यूटर या लीडर को ट्रेनिंग प्रदान करती हो ताकी वे नेटवर्किंग और सेल्स स्किल को सीख सकें और इस बिजनेस को कर सकें, कहने का मतलब है की उस कंपनी में ट्रेनिंग पर जोर दिया जाता है ताकी लोग इस बिजनेस के बारे में सीख सकें और एक दूसरे की सपोर्ट करें अपने बिजनेस में कामयाब होने के लिए, ऐसा नहीं की सिर्फ ज्वाइन करा के छोड़ दिया जाता हो।
6.लीडर्स और अपलाइन
उस कंपनी की लीडर्स के बारे में जान लें की उस के लीडर्स कैसे हैं, उनका Reputation कैसा है, लोगों के साथ उनका व्यवहार कैसा है, कहीं उस कंपनी के लीडर किसी इल्लीगल केस में तो नहीं फंसे हैं या उनपर कोई कानूनी कारवाई तो नही हुई है। उस कंपनी के अपलाइन अपने डाउनलाइन से किस तरह का बर्ताव करते हैं, इस तरह की सभी बातों का ध्यान रखें।
7.अपने बारे में सोचें
कंपनी के बारे में सारी चीजें पता कर लेने के बाद अपने बारे में सोचें की क्या वह कंपनी आपके लिए सही है, क्या आप उस कंपनी में काम कर पाएंगे, क्या आप पर्सनली खुद को उस कंपनी में फिट कर पा रहें हैं। अगर ये सभी चीजें सहीं रहीं तो समझ लेना वह एक Best MLM Company है।
भारत की टॉप 10 एमएलएम कंपनियां
1.Amway India Enterprises Pvt. Ltd.
2.Herbalife Nutrition India Pvt. Ltd.
6.Mi Lifestyle Marketing Pvt. Ltd.
7.Forever Living Products India Pvt. Ltd.
8.International Marketing Corporation Pvt. Ltd.
9.Asclepius Wellness Pvt. Ltd.
10.Safe and Secure Online Marketing Pvt. Ltd.
MLM बिजनेस करना चाहिए या नही?
दोस्तों एमएलएम एक नेटवर्किंग और प्रोडक्ट सेलिंग का बिजनेस है जिसमे आपको लोगों को ज्वाइन कराना होता है और उनसे प्रोडक्ट की खरीदारी कराना रहता है जिससे आपको कमीशन मिलता है, इसमें किसी भी तरह का कोई फिक्स इनकम या सैलरी नही दिया जाता है, इसमें सिर्फ आपके प्रोडक्ट सेलिंग के आधार पर ही पैसा मिलता है जो की शुरआती दिनों में बहुत कम मिलता है और जैसे आप अन्य लोगों को अपने साथ जोड़ते जाते हैं वैसे कमीशन भी बढ़ते जाता है, क्योंकि एमएलएम कंपनी में आप जैसे जैसे अन्य लोगों को अपने साथ जोड़ते जाते हैं वैसे ही उस कंपनी में आपका रैंक भी प्रोमोट होते जाता है और जैसे जैसे उस कंपनी में आपका रैंक बड़ा होते जाता है आपको प्रॉफिट % भी ज्यादा मिलता है जिससे आपकी कमाई भी ज्यादा होती है। इसलिए दोस्तों यदि आप जॉब की तरह हर महीने फिक्स सैलरी कमाना चाहते हैं तो एमएलएम में आप काम नही कर पाएंगे लेकिन यदि आप रिस्क लेने को तैयार हैं और अपने काम के आधार पर अर्निंग करना चाहते हैं तो इससे आप अनलिमिटेड अर्निंग भी कर सकते हैं लेकिन आपको इसमें कड़ी मेहनत करना होगा और एक सही कंपनी में काम करना होगा क्योंकि अगर आप चाहे कितना भी मेहनत कर लें अगर आप एक गलत कंपनी में फंस जाएंगे तो आपका समय और पैसा दोनो बर्बाद होगा। इसलिए यदि आप एमएलएम करना चाहते हैं तो सबसे पहले एक Best MLM Company की तलास करें फिर उसके बाद उस कंपनी में पूरे लगन के साथ काम करें तभी आप एमएलएम में कामयाब हो सकते हैं। दोस्तों मेरा काम था एमएलएम की जानकारी देना यहां पर मैने आपको एमएलएम की निगेटिव और पॉजिटिव दोनो बातों को बताया, अब आप अपनी मर्जी से खुद से डिसीजन ले सकते हैं की आपको एमएलएम करना चाहिए या नही, क्योंकि अब आप एमएलएम के बारे में लगभग हर एक जानकारी जान चुके हैं।
MLM FAQ
MLM Full Form in Hindi
एमएलएम का फुल फॉर्म मल्टी लेवल मार्केटिंग होता है।
क्या एमएलएम भारत में लीगल है?
हां, एमएलएम भारत में लीगल है लेकिन सिर्फ वही कंपनियां जो भारत सरकार द्वारा जारी डायरेक्ट सेलिंग गाइडलाइन का पालन करती हैं।
MLM का मतलब क्या होता है?
MLM का मतलब मल्टी-लेवल मार्केटिंग है, यानी की एक ऐसा मार्केटिंग मॉडल जिसमे व्यक्ति न केवल अपनी बिक्री के लिए कमीशन कमाते हैं, बल्कि उन लोगों द्वारा की गई बिक्री पर भी कमीशन अर्न करते हैं जिन्हे वे अपने डाउनलाइन के रूप में अपने कंपनी में ज्वाइन कराते हैं। इस बिजनेस मॉडल को और भी कई नामों से जाना जाता है जैसे की नेटवर्क मार्केटिंग, डायरेक्ट सेलिंग, रेफरल मार्केटिंग इत्यादि।
MLM की पावर क्या है?
MLM की सबसे खास बात यह की यदि आप इसमें एक बार अपने नेटवर्क को बिल्ड कर लेते हैं तो इससे आपको बिना कुछ किए पूरी जिंदगी पैसे मिलता रहता है और आपके जाने के बाद आपके नॉमिनी को भी मिलता है।
एमएलएम के जनक कौन हैं?
David Mcconnell को एमएलएम का जनक कहा जाता है।
MLM की शुरुआत कब हुई?
एमएलएम की शुरुआत सन् 1886 में हुई थी जो की David Mcconnell द्वारा दुनिया की पहली एमएलएम कंपनी Califonia Perfume को शुरु किया गया था जिसे आज हम Avon के नाम से जानते हैं।
MLM कितने प्रकार के होते हैं?
एमएलएम तीन प्रकार के होते हैं पहला है सिंगल लेग प्लान जिसमे आप सिर्फ एक लेग बना सकते हैं, दूसरा है बाइनरी प्लान जिसमे दो लेग बनाना अनिवार्य होता है और तीसरा है मैट्रिक्स प्लान यानी की आप जितना चाहे अनलिमिटेड लेग बना सकते हैं।
भारत में एमएलएम कब शुरू हुआ?
भारत में एमएलएम की शुरुआत सन् 1996 में हुआ था जो की स्वीडन की एक कंपनी भारत आई थी फिर इसके बाद सन् 1998 में Amway कंपनी भारत आई, और इस तरह से Avon, Oriflame और Herbalife जैसे कई विदेशी कंपनियों का आगमन हुआ।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में मैने आपको MLM के बारे में विस्तार से जानकारी दिया जिसमे आपने जाना की एमएलएम क्या है और यह कैसे करता है तथा इसके क्या क्या फायदे व नुकसान हैं। मुझे पूरा उम्मीद है अब आप एमएलएम के बारे में अच्छे से जान गए होंगे, दोस्तों अगर आपको यह आर्टिकल अच्छी लगी हो तो इसे अन्य लोगों तक जरूर शेयर करें ताकी वे भी MLM Kya Hai के बारे में जान सकें।