डायरेक्ट सेलिंग गाइडलाइन क्या है? Direct Selling Guidelines 2021 in Hindi

दोस्तों अगर आप Direct Selling Guidelines के बारे में जानना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए है आज इस आर्टिकल में हम Direct Selling Guidelines 2021 in Hindi के बारे में चर्चा करेंगे और इसमें दिए गए सभी गाइडलाइंस के बारे विस्तार से जानेंगे की डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों व डायरेक्ट सेलर्स के लिए क्या क्या गाइडलाइंस बनाएं गए हैं।

डायरेक्ट सेलिंग गाइडलाइन क्या है?

पिरामिड स्कीम व मनी सर्कुलेशन प्लान वाली कंपनियां डायरेक्ट सेलिंग के आड़ में लोगों के साथ धोखाधड़ी ना कर सके और लोग एक सही व गलत डायरेक्ट सेलिंग कंपनी की पहचान कर सकें इसके लिए कुछ नियम बनाएं गए हैं जिसे डायरेक्ट सेलिंग गाइडलाइन कहते हैं, पहली बार Direct Selling Guidelines 2016 में जारी किया गया था लेकिन इसमें कुछ कमियां थी जिसके वजह से इसमें कुछ सुधार करते हुए फिर से Direct Selling Guidelines 2021 में जारी किया गया और कुछ नए नियम भी जोड़े गए हैं तो चलिए इस Latest Direct Selling Guidelines in Hindi के बारे में जान लेते हैं।

Direct Selling Guidelines 2021 in Hindi

इस गाइडलाइंस को उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा दिसंबर 2021 में जारी किया गया था जिसके वजह से इसे Direct Selling Rules 2021 नाम दिया गया है, इसमें डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों और डायरेक्ट सेलर्स दोनो के लिए कई नियम दिए गए हैं तो चलिए दोस्तों अब उन सभी नियमों को एक एक करके जान लेते हैं।

Direct Selling Rules 2021 में टोटल 13 धारा दिए गए हैं जो की धारा 1 और धारा 2 में इसके नियम और किन पर लागू होगा इसके बारे में बताया गया है।

धारा 3 : परिभाषाएं

Direct Selling Rules 2021 के धारा 3 में डायरेक्ट सेलिंग से जुड़ी कुछ शब्दों की परिभाषा के बारे में बताया गया है क्योंकि Direct Selling Guidelines को समझने के लिए इन शब्दों के बारे में जानना जरूरी है।

1.Act : इसका मतलब Consumer Protection Act 2019 (35 of 2019) से संबंधित है।

2. Cooling of Period : जब कोई डायरेक्ट सेलर किसी भी डायरेक्ट सेलिंग कंपनी से कोई समझौता या कॉन्ट्रैक्ट साइन करता है और उस कॉन्ट्रैक्ट के लास्ट डेट आने से पहले ही उस कॉन्ट्रैक्ट को खत्म कर देता है लेकिन बिना किसी नियम का उल्लंघन किए बिना तो उस टाइम पीरियड को Cooling of Period कहते है।

3. Direct Seller : जो व्यक्ति किसी डायरेक्ट सेलिंग कंपनी में आधिकारिक रुप से जुड जाता है और उस कंपनी की प्रोडक्ट की बिक्री करता है उसे डायरेक्ट सेलर कहा जाता है।

4. Direct Selling Entity : डायरेक्ट सेलिंग कंपनी को ही Direct Selling Entity कहा जाता है जो की Pyramid Scheme में ना आता है और पूरी तरह से प्रोडक्ट बेस कंपनी हो।

5. Money Circulation Scheme : जिन डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों में कोई भी प्रोडक्ट या सर्विस नही होता और होता भी है तो सिर्फ दिखाने के लिए लेकिन वे कंपनियां पैसों की हेरा फेरी करके अपना बिजनेस चलाते हैं यानी की पहले लोगों से पैसा इन्वेस्ट कराते हैं और फिर वही पैसा उनको इनकम के रुप में देते हैं, इस तरह की Schemes को Money Circulation Scheme बोला जाता है जो की फ्रॉड भी होता है।

6. Mis Selling : जब किसी ग्राहक को प्रोडक्ट या सर्विस की गलत जानकारी देकर बेंचा जाता है तो उसे Mis Selling कहते हैं।

7. Prospect : यह वो व्यक्ति है जिसे कोई डायरेक्ट सेलर Proposal Offer करता है डायरेक्ट सेलिंग कंपनी में ज्वाइन होने के लिए।

8. Pyramid Scheme : पिरामिड स्कीम वो होती है जो डायरेक्ट सेलिंग के नाम पर चलती है लेकिन असल में वो कोई डायरेक्ट सेलिंग या नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी नही होती और पिरामिड स्कीम इल्लीगल भी होती है। एक Multi Layer Network को बनाना और उससे Directly या Indirectly फायदा ले सकें एक New Participant को एक के नीचे एक जोड़ते हुए और खुद High Position पे बैठे रहना Pyramid Scheme ही कहलाता है।

9. Saleable : जो प्रोडक्ट या सर्विस बेचने लायक हों और Expired ना हो चुके हों या कंपनी द्वारा उसकी बिक्री ना रोकी गई हो उन्हे Saleable कहा जाता है।

10. Sensitive Personal Data : इसका मतलब Information Technology Act 2000 (21 of 2000) की धारा 43ए के तहत समय-समय पर निर्दिष्ट जानकारी से है।

धारा 4 : जरुरी दस्तावेज जो डायरेक्ट सेलिंग कंपनी के पास होने चाहिए

  • Incorporation Certificate.
  • Memorandum of Association.
  • Articles of Association.
  • Company Pan Card.
  • Tax Deduction and Collection Account Number.
  • GST Ragistration Certificate.
  • Income Tax Return.
  • Balance Sheet.
  • Ragister of Direct Seller.
  • Certificate of Importer-Exporter Code.
  • FSSAI Certificate.
  • Trademark Ragistration Certificate.
  • License and Ragistration Certificate issueo under the drugs and cosmetics for the purpose of manufacturer or sale of drugs including ayurvedic, unani drugs, siddha and homeopathic medicines.

धारा 5 : डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के लिए नियम

1.डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों को करना है –

  • कंपनी MCA में रजिस्टर्ड होना चाहिए।
  • कंपनी का भारत में एक रजिस्टर्ड ऑफिस होना चाहिए और उसका एक फिजिकल लोकेशन हो।
  • कंपनी को एक Declaration देना होगा की वह डायरेक्ट सेलिंग गाइडलाइंस को फॉलो करती है और किसी भी तरह का Pyramid Scheme या Money Circulation Scheme नही चलाती।
  • कंपनी का एक ऑफिशियल वेबसाइट होना चाहिए जिसमें उसकी प्रोफाइल, प्रोडक्ट और प्लान की सही जानकारी दिया हो जैसे की कंपनी मैनेजमेंट, कंपनी फाउंडर, कंपनी लीगल डॉक्यूमेंट्स, घोषणा पत्र, नोडल अधिकारी, शिकायत अधिकारी, प्रोडक्ट की जानकारी, प्रोडक्ट प्राइस इत्यादि।
  • डायरेक्ट सेलिंग कंपनी द्वारा बेंची जाने वाली प्रोडक्ट या सेवाओं के लिए उसकी पहचान करने वाले किसी व्यापार चिन्ह, सेवा चिन्ह या किसी अन्य पहचान चिन्ह की स्वामी, धारक या अनुज्ञप्तिधारी होगी किन्तु ऐसे प्रोडक्ट या सर्विस की बिक्री पर कोई भी कमीशन या बोनस या प्रोत्साहन नही प्रदान करेगी जिनके लिए वह इकाई किसी व्यापार चिन्ह, सेवा चिन्ह या किसी अन्य पहचान चिन्ह की स्वामी, धारक या अनुज्ञप्तिधारी नही है।
  • कंपनी को पैनकार्ड और GST सर्टिफिकेट के लिए ट्रेड रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस प्राप्त करना होगा।
  • कंपनी के डायरेक्टर द्वारा कंपनी के वेबसाइट में प्रदान की गई सभी विधिवत प्रमाणित।
  • डायरेक्ट सेलर के साथ अपने प्रोडक्ट या सर्विस की बिक्री के संबंध में एक लिखित कॉन्ट्रैक्ट होना चाहिए।
  • कंपनी को यह सुनिश्चित करना होगा की सभी डायरेक्ट सेलर के पास सत्यापित पहचान पत्र व उनका भौतिक पता होना चाहिए तथा ऐसे ही डायरेक्ट सेलर पहचान पत्र जारी करें।
  • कंपनी को यह सुनिश्चित करना होगा की उसके डायरेक्ट सेलर कंपनी के नियम अनुसार ही प्रोडक्ट या सर्विस की ऑफर कर रहें हैं।
  • डायरेक्ट सेलर की प्रोडक्ट या सर्विस बिक्री से उत्पन्न शिकायत के लिए कंपनी को ही जिम्मेदार होना होगा।

2. डायरेक्ट सेलिंग कंपनी की वेबसाइट में नीचे दी हुई सभी जानकारी होना चाहिए –

  • कंपनी का रजिस्टर्ड नेम।
  • कंपनी की ऑफिस तथा उसके सभी ब्रांच की जानकारी।
  • कंपनी का कॉन्टैक्ट डिटेल जैसे की कस्टमर केयर नंबर, लैंडलाइन नंबर, ईमेल, फैक्स इत्यादि।
  • सभी दर्ज की गई शिकायतों के लिए एक टिकट नंबर होना चाहिए जिससे उन दर्ज की गई शिकायतों का स्टेटस पता लगाया जा सके।
  • प्रोडक्ट रिटर्न, रिफंड, एक्सचेंज, वारंटी, गारंटी, शिपिंग इत्यादि की जानकारी होना चाहिए जिससे कंज्यूमर को डिसीजन लेने में यह आसानी हो सके की उसे प्रोडक्ट लेना चाहिए या नही।
  • पेमेंट मोड की पूरी जानकारी होना चाहिए की प्रोडक्ट को किन किन तरीकों से खरीद सकते हैं, सिक्योरिटी है भी या नही, कैंसल करने का क्या प्रोसेस है, चार्जेस वगैरह तो नही लगता और साथ ही एक कस्टमर केयर की जानकारी होना चाहिए जो पेमेंट स्टेटस के बारे में बता सके।
  • कंपनी के वेबसाइट में इसके सभी प्रोडक्ट की जानकारी होना चाहिए जिसमे उनकी MRP और Distributor Price की जानकारी दिया हो साथ ही उनमें GST कितना लग रहा है सभी जानकारी दिया होना चाहिए।

जब कोई कंपनी के वेबसाइट से प्रोडक्ट की खरीदारी करे तो इसे निम्न जानकारी दिखना चाहिए –

  • प्रोडक्ट खरीदने और बेचने वाले का नाम।
  • प्रोडक्ट का Description.
  • प्रोडक्ट की Quantity.
  • प्रोडक्ट की Warranty.
  • एक Estimated जानकारी की उस प्रोडक्ट की Delivery कितने दिन में हो जाएगा।
  • रिफंड का क्या प्रोसेस है।
  • यदि वह प्रोडक्ट खराब निकला तो Exchange करने का क्या प्रोसेस है।

3. कोई भी डायरेक्ट सेलिंग कंपनी अपने बिजनेस के सिलसिले में कोई भी अनुचित व्यापार प्रथा नही अपनाएगी।

4. डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों की सभी प्रोडक्ट लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट 2009 के अधीन घोषणापत्र का पालन करेंगी।

5. डायरेक्ट सेलिंग कंपनी के पास एक शिकायत अधिकारी होना चाहिए जिसे लोग अपने समस्या बता सकें और इसके लिए उस शिकायत अधिकारी का पता, मोबाइल नंबर और ईमेल कंपनी की वेबसाइट में रहना चाहिए।

6. डायरेक्ट सेलिंग कंपनी को यह सुनिश्चित करना होगा की शिकायत अधिकारी किसी उपभोक्ता शिकायत की प्राप्ति करने के बाद 48 घंटे के भीतर उसकी पावती देता है और ज्यादा से ज्यादा एक महीने के अंदर उस शिकायत का समाधान करता है। और यदि एक महीने के भीतर उपभोक्ता की शिकायत का समाधान नहीं मिलता तो शिकायत अधिकारी उस शिकायतकर्ता को एक लिखित सूचना भेजता है।

7. डायरेक्ट सेलिंग कंपनी को अपने सभी डायरेक्ट सेलर की जानकारी रखना होगा जैसे की डायरेक्ट सेलर का एड्रेस, मोबाइल नंबर, ईमेल, पहचान पत्र इत्यादि।

8. यदि कोई डायरेक्ट सेलिंग कंपनी अपने किसी डायरेक्ट सेलर को निकालती है तो उसकी जानकारी उस कंपनी के वेबसाइट पर होना चाहिए।

9. सभी डायरेक्ट सेलिंग कंपनियां केंद्रीय सरकार की राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन की कन्वर्जेस प्रक्रिया में भागीदारी होगी।

10. यदि कोई डायरेक्ट सेलिंग कंपनी किसी प्रोडक्ट या सर्विस की प्रमाणिकता लेता है की उस प्रोडक्ट या सर्विस की शिकायत पर की जाने वाली कार्यवाई के लिए भी वही कंपनी जिम्मेदार होगी।

11. हर डायरेक्ट सेलिंग कंपनी को अपना एक नोडल अधिकारी नियुक्त करना होगा जो अधिनियम और उसके अधीन बनाए गए नियमों के उपबंधों के साथ अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदाई होगा।

धारा 6 : डायरेक्ट सेलर के लिए नियम

1.डायरेक्ट सेलर को करना होगा –

  • हर डायरेक्ट सेलर के पास उसके कंपनी के साथ एक लिखित कॉन्ट्रैक्ट होना चाहिए तभी वह उस कंपनी का डायरेक्ट सेलर कहलाएगा।
  • यदि कोई डायरेक्ट सेलर किसी प्रोस्पेक्ट को अपने बिजनेस का प्लान दिखाने जाता तो उसे अपने कंपनी का आईडी कार्ड दिखाना अनिवार्य है तथा उसे अपने बारे में और अपने कंपनी के बारे में सही जानकारी देना होगा।
  • डायरेक्ट सेलर को अपने प्रोस्पेक्ट को अपने प्रोडक्ट के बारे में सही जानकारी देना होगा की प्रोडक्ट की क्वालिटी कैसी है, उनका प्राइस कितना है, यदि प्रोडक्ट खराब निकला तो Exchange कैसे होगा, प्रोडक्ट रिटर्न करने का क्या प्रोसेस है, रिफंड कितने दिन में मिलता है, Payment किन किन तरीकों से कर सकते हैं इत्यादि।
  • जब कोई प्रोस्पेक प्रोडक्ट खरीदने के लिए तैयार हो जाए उस समय डायरेक्ट सेलर को उसे एक ऑर्डर फॉर्म प्रोवाइड करना होगा जिसमे डायरेक्ट सेलिंग कंपनी का नाम, उस डायरेक्ट सेलर का नाम, उसका पता, रजिस्ट्रेशन नंबर, नामांकन संख्या, पहचान पत्र, डायरेक्ट सेलर व कंपनी का कॉन्टैक्ट डिटेल, आपूर्ति की जाने वाली सभी प्रोडक्ट का संपूर्ण विवरण, वह प्रोडक्ट कहां बना है इसकी जानकारी, ऑर्डर की तारीख, प्रोस्पेक्ट द्वारा भुगतान की जाने वाली कुल राशि, ऑर्डर को निरस्त करने या बिक्री करने योग्य दशा में उत्पाद की वापसी और पूरी कीमत वापस प्राप्त करने का प्रोस्पेक्ट का अधिकार और साथ में शिकायत दर्ज कराने का संपूर्ण विवरण होना चाहिए।
  • डायरेक्ट सेलर को GST रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, कंपनी पैनकार्ड रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, सभी लागू व्यापारिक रजिस्ट्री करण तथा किसी प्रोडक्ट की बिक्री के लिए लागू विधियों तथा नियमों की अपेक्षाओं का अनुपालन करना होगा।
  • डायरेक्ट सेलर को यह सुनिश्चित करना होगा की प्रोस्पेक्ट द्वारा खरीदे गए उत्पाद डायरेक्ट सेलर द्वारा उसे दिए गए उत्पाद के विवरण से मेल खाता हो।
  • प्रोस्पेक्ट द्वारा प्रदान किए उसकी संवेदनशील जानकारी को संरक्षित रखना डायरेक्ट सेलर का कर्तव्य है जिसे उसे सुरक्षित रखना होगा और उसकी जानकारी का गलत इस्तेमाल ना करे।

2. डायरेक्ट सेलर को नही करना है –

  • पहचान पत्र और प्रोस्पेक्ट की अनुमति के बिना उसके घर नही जाएगा।
  • प्रोस्पेक्ट को कोई भी ऐसी Article या जानकारी नही देगा जिसको डायरेक्ट सेलिंग कंपनी ने मान्यता ना दिया हो।
  • किसी भी प्रोस्पेक्ट से कोई साहित्य या बिक्री प्रदर्शन उपस्कर खरीदने की उपेक्षा नहीं करेगा।
  • बिक्री के संबंध में प्रोस्पेक्ट को कोई भी ऐसा दावा नही करेगा जिसको डायरेक्ट सेलिंग कंपनी ने ना कहा हो।

धारा 7 : डायरेक्ट सेलिंग कंपनी व डायरेक्ट सेलर के लिए नियम

1.डायरेक्ट सेलिंग करने वाली हर डायरेक सेलिंग कंपनी व डायरेक्ट सेलर यह सुनिश्चित करेगा –

  • प्रोस्पेक्ट को प्लान दिखाते समय यह क्लियर होना चाहिए की उसे प्लान दिखाने का Purpose क्या है ताकी वह सही जानकारी के साथ प्रोडक्ट को Buy करे।
  • प्रोस्पेक्ट को प्लान दिखाते समय अपने प्रेजेंटेशन के दौरान प्रोडक्ट की ऐसे कोई भी ऐसी गलत विवरण, दावा, दृष्टांत या तत्व नहीं होना चाहिए जिससे प्रोस्पेक्ट की गुमराह होने की संभावना हो।
  • प्रोस्पेक्ट को प्रोडक्ट ऑफर करने से पहले प्रोडक्ट के बारे में पूरी जानकारी देना होगा जैसे की प्रोडक्ट की कीमत, क्वालिटी, कहां से मैनिफैक्चरिंग हुई है, सर्टिफाइड है या नही, लेनदेन की शर्तें, भुगतान कैसे करना है, रिफंड का क्या प्रोसेस है इत्यादि।
  • प्रेजेंटेशन के दौरान अपने साथ वही विवरण, दावे, दृष्टांत या अन्य तत्व रखें जिन्हे प्रमाणित किया जा सके की ये सही हैं।
  • डायरेक्ट सेलिंग के बाजार अनुसंधान के रूप में प्रोस्पेक्ट के सामने विवरण किया जाए।
  • बढ़ावा देने वाले आर्टिकल, विज्ञापन या मेल में डायरेक्ट सेलिंग कंपनी का नाम, पता और कॉन्टैक्ट डेटल दिया गया हो तथा उस डायरेक्ट सेलर का नाम और उसका मोबाइल नंबर भी होना चाहिए।
  • किसी भी गारंटी या वारंटी देने की शर्तें जिसमे गारंटी देने वाले का नाम और पता शामिल होना चाहिए जिससे प्रोस्पेक्ट उसके बारे में आसानी से पता लगा सके।
  • प्रोस्पेक्ट को दी जाने वाली प्रोडक्ट विवरण, बिजनेस प्लान पीडीएफ या अन्य कोई भी जानकारी हो, वह पूरी स्पष्ट रहना चाहिए।
  • यदि कोई प्रोस्पेक्ट प्रोडक्ट लेने के तैयार हो जाता है तो उसके प्रोडक्ट लेने के पश्चात डायरेक्ट सेलर की यह जिम्मेदारी है की उसे सप्ष्ट रूप से पहले ही समझा दे की डायरेक्ट सेलिंग में ज्वाइन करने के बाद किस तरह से काम करना है।
  • डायरेक्ट सेलिंग कंपनी द्वारा उपभोक्ता को दी जाने वाले रिफंड पॉलिसी लिखित रुप में होना चाहिए।
  • यदि किसी डायरेक्ट सेलिंग कंपनी में किस्त के आधार पर प्रोडक्ट के लिए भुगतान किया जाता है तो इसके बारे में भी प्रोस्पेक्ट को स्पष्ट जानकारी दें।
  • किस्त जमा करने की समय कितने दिन तक रहता है इसके बारे में सही जानकारी दें।
  • किसी भी संविदा पर हस्ताक्षर करने से पहले भुगतान और किस्त वसूली की प्रक्रिया निर्धारित की जाएगी और यह इस प्रकार होना चाहिए जिससे प्रोस्पेक्ट को ज्यादा दिक्कतों का सामना ना करना पड़े।
  • लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट 2009 के नियम को फॉलो किया जाना चाहिए।

2. डायरेक्ट सेलिंग कंपनी व डायरेक्ट सेलर को नही करना है –

  • प्रोस्पेक्ट को गलत तरीके से प्रोडक्ट नहीं बेचना है।
  • कोई ज्वाइनिंग शुल्क वा चंदा नही वसूलेगा।
  • प्रोस्पेक्ट को कोई भी गलत डॉक्यूमेंट प्रतुस्त नही करेगा।
  • यदि कोई प्रोस्पेक्ट नियम अनुसार प्रोडक्ट वापस करता है तो उसे रिफंड के लिए मना नही करना है।

4. किसी भी प्रोस्पेक्ट को ज्वाइनिंग के लिए किसी तरह का लालच नही देगा।

5. डायरेक्ट सेलिंग में लगने वाले टैक्स और GST के बारे में स्पष्टीकरण देना होगा।

धारा 8 : ऐसे व्यक्ति जिन्हे डायरेक्ट सेलिंग में नही लाना है

जो व्यक्ति डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस में आने से पहले पिछले पांच सालों में Bankrupt रहा हो या Unsound Mind का हो उन्हे डायरेक्ट सेलिंग में ज्वाइन नही कराना है।

धारा 9 : ई-वाणिज्य नियमों की अनुप्रयोज्यता

ई-वाणिज्य प्लेटफार्म का प्रयोग करने वाले डायरेक्ट सेलर तथा डायरेक्ट सेलिंग कंपनियां उपभोक्ता संरक्षण नियम 2020 की अपेक्षाओं का अनुपालन करेंगी।

धारा 10 : पिरामिड स्कीम और मनी सर्कुलेशन स्कीम का प्रतिषेध

कोई भी डायरेक्ट सेलर या डायरेक्ट सेलिंग कंपनियां –

  • पिरामिड स्कीम को बढ़ावा नही देगा, ना ही किसी व्यक्ति को इसमें नामांकित करेगा और ना ही कोई डायरेक्ट सेलर एसी स्कीम में भाग लेगा।
  • मनी सर्कुलेशन स्कीम को बढ़ावा नही देगा और ना ही इसमें भाग लेगा।

धारा 11 : राज्य सरकार द्वारा निगरानी

डायरेक्ट सेलिंग कंपनियां और डायरेक्ट सेलर इन सभी Direct Selling Guidelines को फॉलो कर रहीं हैं या नहीं इसके लिए राज्य सरकार द्वारा निगरानी की जाएगी।

धारा 12 : विधियों में असंगता

यदि इन नियमों के अधीन शासित किसी डायरेक्ट सेलिंग कंपनी पर भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के अधीन बताए गए कोई नियम लागू होते हैं तो ऐसे विनमय के उपबंध इन नियमों के प्रावधानों पर, असंगतता की सीमा तक अधिभावी होंगे।

धारा 13 : नियमों का उल्लंघन

इन नियमों का उल्लंघन करने पर अधिनियम के उपबंध लागू होंगे।

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल में मैने आपको Direct Selling Guidelines 2021 in Hindi के बारे में विस्तार से बताया जिसमे आपने इसके सभी 13 धाराओं के बारे में जाना की एक डायरेक्ट सेलर और डायरेक्ट सेलिंग कंपनी के लिए क्या क्या नियम बनाएं गए हैं। मुझे पूरा उम्मीद है अब आप डायरेक्ट सेलिंग गाइडलाइन क्या है के बारे में अच्छे से जान गए होंगे, दोस्तों अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे अपने अन्य लोगों तक भी जरुर शेयर करें ताकी वे भी इस New Direct Selling Guidelines in Hindi के बारे में जान सकें।