इस आर्टिकल में आप जानेंगे नेटवर्क मार्केटिंग की प्लान दिखाते समय यदि कोई प्रोस्पेक्ट ऑब्जेक्शन करता है की Ye Bande Jodne Vala Kam To Nahi Hai? तो किस तरह से जवाब देना चाहिए के बारे में।
आज दुनिया में जितने भी कामयाब बिजनेसमैन हैं उन्हे नेटवर्क बिल्डिंग की पॉवर पता है की अगर लाइफ में कामयाब होना है तो नेटवर्क बनाना बहुत जरूरी है। लेकिन जो लोग बचपन से ही जॉब माइंडेड होते है, जिनकी सोच ही गरीबों वाली होती है उन्हे जब आप नेटवर्क मार्केटिंग की प्लान दिखाते हैं तो अक्सर वो लोग एक ऑब्जेक्शन कर देते हैं की Ye Bande Jodne Ka Kam To Nahi Hai? इस तरह के ऑब्जेक्शन अक्सर आपको फेस करना पड़ता होगा, तो इस आर्टिकल में मैं आप सभी को बताऊंगा की अगर कोई बोले Ye Bande Jodne Vala Kam Hai Kya तो उसे कैसे जवाब देना है।
Ye Bande Jodne Vala Kam To Nahi Hai? | Network Marketing Objection Handling
जब आप किसी प्रोस्पेक्ट को नेटवर्क मार्केटिंग की प्लान दिखाएं और यदि वह यह ऑब्जेक्शन करता है की ये बंदे जोड़ने वाला काम तो नही है? तो उसे आप ये समझाओ
सबसे ज्यादा बंदे जोड़ने का काम तो हमारे धर्म गुरुओं ने किया है, आप सोचो जो हमारे धर्म गुरु थे जब उन्हें धर्म का प्रचार करना था तो वो घर से अकेले निकले होंगे, लेकिन फिर अपने धर्म का प्रचार करने के लिए कुछ लोगों को अपने साथ जोड़ा, फिर और ज्यादा प्रचार करने के लिए उन लोगों से बोले की आप भी अपने साथ और लोगों को जोड़ो ताकि हम अपने धर्म को और दूर दूर तक प्रचार कर सकें, फिर उनको बोलो की दूसरे क्षेत्रों के लोगों को भी जोड़ो ताकि और दूर दूर तक धर्म का प्रचार किया जा सके।
यानी नेटवर्कर तो हमारे धर्म गुरु भी थे जिन्होंने अपने धर्म का प्रचार करने के लिए लोगों को जोड़ा, जिन्होंने इंसानियत के लिए लोगों को जोड़ा और आपका प्रोस्पेक्ट बोलता है की मुझे बंदे नही जोड़ना।
आप प्रोस्पेक्ट को ये समझाइए की जब कोई काम नया होता है तो एक इंसान अकेला होता है, सोचों जब एक जिम खुलता है तो उसमें पहले कोई नही होता लेकिन जैसे जैसे उसके बारे में लोगों को पता चलता है, जैसे जैसे उसकी मार्केटिंग होती है वैसे ही लोग जुड़ने लगते हैं और जिम में लोगों की संख्या बढ़ने लगती है।
जब एक ट्रेन का इंजन अकेला होता है तो उसकी कोई वजूद नहीं होता लेकिन जब उसमे डिब्बे जोड़ा जाता है तब एक ट्रेन बनता है जिसमे हजारों लोग एक साथ ट्रैवल कर सकते हैं। यानी जोड़ने से आपके प्रोस्पेक्ट का ट्रैवल आसान हो जाता है और वह कहता है मुझे जोड़ना पसंद नही है।
आप सोचों जब महात्मा गांधी जी स्वतंत्रता आंदोलन के लिए निकले होंगे तो पहले घर से तो अकेले ही निकले, लेकिन उनके अच्छे काम के वजह से लोग उनके साथ जुड़ते चले गए और हमारे देश को आजादी मिली। यानी जब लोगों के जुड़ने से देश की भलाई हो सकती है तो जोड़ने में गलत क्या है।
जोड़ने से हमारा काम आसान हो जाता है, यदि हम एक घर भी बनाते हैं तो उसमे एक एक ईट जुड़ता है, तब दीवार तैयार होता है और घर बनता है। यहां तक की जब इंसान एक दूसरे से जुड़ता है तक एक फैमिली आगे बढ़ती है, जैसे दादा-दादी, माता-पिता और जब आप शादी करेंगे यानी किसी से जुड़ेंगे तब आपका जनरेशन आगे बढ़ेगा।
अगर जोड़ना गलत होता तब तो जब किसी मरीज का पैर टूट जाता है तब तो एक डॉक्टर को भी नही जोड़ना चाहिए। क्योंकि जोड़ना तो गलत है।
आप प्रोस्पेक्ट को समझा सकते हैं की एक इंसान जब अकेले काम करता है तो वह सिर्फ उतना ही कमाता है जितना वह काम करता है लेकिन जब वह लोगों को जोड़ता है तो उससे उसकी कमाई और ज्यादा बढ़ जाती है।
न जाने कितने सारे कंपनियां हैं जो लोगों को जॉब देकर यानी उन्हे अपने साथ जोड़ कर कहां से कहां पहुंच गई।
अगर वह अकेले काम कर रहे होते तो आज भी सीमित मात्रा में कमा रहे होते।
इस बात में कोई संदेह नहीं की यदि जीवन में तरक्की करना है तो जोड़ना बहुत जरूरी है।
जब आप इतने सारे उदाहरण देकर प्रोस्पेक्ट को समझाएंगे तब उसे यह एहसाह हो जाएगा की जोड़ना क्यों जरूरी है, और जोड़ना काम कोई गलत नहीं होता।
दोस्तों इस आर्टिकल में आपने सीखा अगर कोई बोले की Ye Bande Jodne Vala Kam To Nahi Hai तो उसे कैसे समझा सकते हैं के बारे में। अगर आपको इस आर्टिकल से सीख मिला हो तो इसे अपने टीम के साथ भी शेयर करें ताकी वो भी सीख सकें।